मध्य (MP borewell:)प्रदेश के गुना जिले में 140 फुट गहरे बोरवेल में गिरे 10 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई एजेंसियों की मदद से 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को रविवार को बाहर निकाला गया था। बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सुमित (MP borewell:)मीणा नाम का यह बच्चा गुना जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर पिपलिया गांव में शनिवार शाम करीब पांच बजे बोरवेल में गिर गया था। पिपलिया गांव राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आता है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे जब बच्चे को बाहर निकाला गया, तो वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। गुना के पुलिस अधीक्षक संजीव सिन्हा ने बताया कि लड़के को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखकर राघौगढ़ के एक अस्पताल ले जाया गया।
गुना जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने अस्पताल में संवाददाताओं को बताया, “खेद के साथ यह बताना पड़ रहा है कि वह (बच्चा) जीवित नहीं है।” उन्होंने बताया, “बच्चा पूरी रात ठंड के मौसम में संकरे बोरवेल में रहा। उसके हाथ-पैर भीगे और सूजे हुए थे। उसके कपड़े भी गीले थे और उसके मुंह में कीचड़ पाया गया था।” ऋषिश्वर ने बताया कि चिकित्सकों ने हाइपोथर्मिया (एक ऐसी स्थिति जो तब होती है जब शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट से कम हो जाता है) के कारण शरीर के अंग जमने की भी जांच की।
राघौगढ़(MP borewell:) के कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने बताया कि बचावकर्मियों ने रातभर काम किया और गड्ढे और बोरवेल के बीच एक समानांतर गड्ढा खोदकर लड़के तक पहुंचने का प्रयास किया। गुना के जिलाधिकारी सतेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चा करीब 39 फुट की गहराई में फंसा हुआ था, जबकि बोरवेल करीब 140 फुट गहरा था। जिलाधिकारी ने बताया कि बोरवेल में पानी नहीं आया था, इसलिए उसे ढका नहीं गया था।
शनिवार देर शाम भोपाल से पहुंची राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने बचाव अभियान में मदद की। सुमित के परिवार के सदस्य तब घबरा गए जब उन्होंने उसे काफी देर तक नहीं देखा। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि जब उसकी तलाश की गई तो पता चला कि वह बोरवेल में गिर गया है।