सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) की निधि बढ़ाने के सुझाव पर चर्चा के लिए नवगठित संसदीय समिति की पहली बैठक 7 जनवरी 2025 को संसद भवन एनेक्सी में आयोजित होगी। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश इस समिति के अध्यक्ष हैं।
बैठक में सांसद निधि को मौजूदा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने के अनुरोध पर विचार किया जाएगा। यह अनुरोध आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा ने 29 अक्टूबर 2023 को किया था। उन्होंने सुझाव दिया था कि दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित गरीब मरीजों के लिए सांसद निधि का उपयोग प्रोत्साहित किया जाए। इस सुझाव पर भी समिति विचार-विमर्श करेगी।
एमपीएलएडीएस क्या है
एमपीएलएडीएस योजना के तहत प्रत्येक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपये तक की सिफारिश का अधिकार है। राज्यसभा सदस्य उस राज्य के एक या अधिक जिलों में कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं, जहां से वे निर्वाचित हुए हैं।
योजना की शुरुआत 1993-94 में हुई थी, तब प्रत्येक सांसद को 5 लाख रुपये की निधि आवंटित की गई थी। इसे 1994-95 में बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये, 1998-99 में 2 करोड़ रुपये और 2011-12 में 5 करोड़ रुपये कर दिया गया।
महामारी के दौरान योजना का निलंबन
कोविड-19 महामारी के दौरान, 6 अप्रैल 2020 से 9 नवंबर 2021 तक एमपीएलएडीएस को निलंबित कर दिया गया था। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई थी। हालांकि, 10 नवंबर 2021 से 31 मार्च 2022 की अवधि के लिए प्रत्येक सांसद को 2 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई।
सांसदीय समिति की बैठक में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के प्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त किए जाएंगे और निधि बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
यह योजना सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों की अनुशंसा करने का एक सशक्त माध्यम प्रदान करती है, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्तता सुनिश्चित करना आवश्यक है।