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HomeEDITORIAL News in Hindiयदि विद्यार्थी भटके, तो राष्ट्र का विकास भटक जाएगा

यदि विद्यार्थी भटके, तो राष्ट्र का विकास भटक जाएगा

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कांतिलाल मांडोत
आज का विद्यार्थी कल का  भविष्य है। विद्यार्थियों के कंधों पर आने वाले समय का बोझ होगा। विद्यार्थी विद्यालय जाकर भविष्य की तैयारी करता है। जो घर पर रहकर नहीं सीख पाते, उनको गुरुजन सिखाते हैं। आंदोलन हड़ताल करना विद्यार्थियों को कौन सिखाता है? विद्यालयों में तो इसकी कोई प्रयोगशाला है नहीं, जहां हड़ताल दंगों की बातें सिखाई जाती हैं। जब विद्यार्थी अपने पथ से भ्रमित दिखाई देता है, तब लोगों के मन में बड़ी पीड़ा होती है।  विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय दिखाई देने लगता है। विद्या दु:ख से विमुक्त करने वाली होती है। उसे प्राप्त करने में यदि बंधन में पड़ना पड़े, दु:खों में गिरना पड़े तो वह विद्या कहां हुई?
विद्यालय से महाविद्यालय में जाने पर विद्यार्थी जीवन के क्षेत्र में उतरेंगे तो विद्यार्थी का नाम विद्यालय के गौरव में अभिवृद्धि करेगा। विद्यार्थी की सफलता विद्यालय की सफलता कहलाएगी, परीक्षा में उतीर्ण विद्यार्थी होता है पर मन अध्यापक का प्रसन्न होता है। उन्होंने अथक परिश्रम करके परीक्षा में उत्तीर्ण होने का मार्ग दिखाया है। शिक्षक के प्रति विनय भाव होना चाहिए। विद्या विनय देती है। आज के विद्यार्थियों की दुर्दशा देखकर दुख होता है। आज का विद्यार्थी कल का भारत निर्माता है। कल भारत की बागडोर विद्यार्थियों के हाथ में होगी। आदर्शों से दूर नहीं जाना है। नेताओं को चाहिए कि युवाओं को राजनीति में प्रवेश करने का मौका दें। विद्यार्थी जीवन से प्रेम, सहिष्णुता और बड़ों का आदर करने की प्रवृत्ति से अलग नहीं होनी चाहिए।
नये भारत का महल युवाओं की बदौलत से ही बनना है। युवाओं को समर्पण भाव से युक्त होकर राष्ट्र को आगे बढ़ाने की चेष्टा करनी होगी। विद्यार्थी और युवाजन को राष्ट्र और समाज की पूंजी माना गया है। यदि वह पूंजी ही बिगड़ गई तो राष्ट्र कैसे आगे बढ़ेगा। आज समाज और सरकार कितना अर्थ व्यय कर रही है? देश का भविष्य सुनहरा हो, बच्चों को खूब सिखाया जाए, पढ़ाया जाए। एक एक विषय को पढ़ाने के लिए विद्वान शिक्षक हैं। कमरे और सुसज्जित प्रयोगशालाएं हैं। घर पर सुविधा उपलब्ध है। तब विद्यार्थियों का ध्यान थोथी बातों की तरफ नहीं जाना चाहिए। इंटरनेट और मोबाइल का हाईटेक जमाना है। लेकिन कम्प्यूटर विषय का ज्ञान भी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है। उसका अध्ययन करें। आपको अपनी चिंता करनी होगी। फालतू प्रपंचों से अपना ध्यान हटाकर ज्ञानार्जन की ओर आगे बढ़ना है।
अब्राहम लिंकन का जीवन कितना अभावों से भरा हुआ था। फिर भी वे निराश नहीं हुए और अथक परिश्रम करते हुए अमेरिका जैसे राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। अब्राहम लिंकन सामान्य लोहार के लड़के थे। रोजी रोटी के लिए उनको गांव तक छोड़ना पड़ा। लिंकन के घर सामने सड़क पर सार्वजनिक बत्ती जलती थी, उसमें पढ़ते थे। आज कल तो बड़ी बड़ी मरकरी लाइटें जलने लगी हैं। पहले मिट्टी के तेल की चिमनियां जलती थीं। जो विद्यार्थी अध्ययन के प्रति इतना ध्यान रखता है, वह जीवन में अवश्य ही सफल होता है। विद्या की महत्ता को कोई नहीं नकार सकता। यह गरीब का धन और कुरूप का रूप है। आपके पास कुछ नहीं है और अगर आपके पास विद्या है यो आपकी सब जगह पूजा होगी। आप बदसूरत हैं, कोई बात नहीं। विद्या है तो बदसूरती भी छिप जाएगी। इसलिए विद्या प्राप्ति में आलस्य नहीं करो। आजकल विद्यार्थी अपना अमूल्य समय मोबाइल पर रील्स देखने, अनाप-शनाप फिल्में देखने और गेम्स खेलने में लगे रहते हैं। जो जीवन के लिए उपयोगी व कल्याणकारी नहीं है तो उसके लिए आप समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं? मन में कभी तनाव के विचार न लाएं। सवेरे जल्दी उठें, भ्रमण करें क्योकि सवेरे मस्तिष्क शांत होता है। थकान नहीं होती है, उस समय आप पुस्तकें पढ़ेंगे तो आप को याद भी अच्छा होगा। आजकल विद्यार्थी दुर्व्यसनों से ग्रस्त  हो रहे हैं। पान-बीड़ी, शराब और अन्य नशीले पदार्थों से अपने आपको बचाना होगा। इनसे समय, धन और स्वास्थ्य तीनों की हानि होती है। तभी विद्यार्थी जीवन सफल होगा। विद्यार्थी जीवन राष्ट्र की नींव हैं।
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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