उत्तराखंड के चमोली जिले स्थित नमामि गंगे ऑफिस के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में सुबह करीब 11:35 बजे करंट फैल गया। इस घटना के कारण 22 लोग करंट की चपेट में आ गए। इनमें से 15 लोगों की जान चली गई, 7 घायल हो गए और जिनमें से 2 गंभीर हैं। घटना के बाद हेलिकॉप्टर से गंभीर घायलों को ऋषिकेष AIIMS ले जाया गया। अन्य पांच घायलों का गोपेश्वर अस्पताल में इलाज जारी है। जिसकी जानकारी स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के सेक्रेटरी खिलेश मिश्रा ने दी। घटना के कारण हुई 15 लोगों की मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुःख जताया है। ट्विटर पर ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि मैंने घटना की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात करके ली। घायलों को उपचार पहुंचाने के लिए प्रसाशन जुटा हुआ है। परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं, घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
पहले हादसे को लेकर तीन तरह की जानकारी सामने आ रही थी
- न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, अलकनंदा नदी के पास ट्रांसफॉर्मर ब्लास्ट के कारण करंट फैलने से लोगों की जान गई है।
- वहीं भास्कर को स्थानीय डीएसपी ने बताया कि घटनास्थल पर लोहे की फेंसिंग में करंट फैलने से जाने गई हैं।
- कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की साइट पर काम चल रहा था। जहां अचानक करंट फैलने से कई लोग इसकी चपेट में आ गए।
चमोली हादसे पर अबतक आए बयान
- भास्कर के मुताबिक चमोली के DSP प्रमोद साहा ने कहा कि इस हादसे से अबतक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। घटनास्थल के पास ही एक लोहे के फेंसिंग थी, जिसे वहां मौजूद लोगों ने पकड़ा हुआ था। अचानक उसमें करंट फ़ैल गया जिसकी वजह से लोग उसकी चपेट में आ गए। मरने वालों में एक केयर टेकर भी शामिल है।
- उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। जिला प्रशासन और SDRF की टीम रेस्क्यू के लिए घटनास्थल पर मौजूद है। घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए हेलिकॉप्टर भी भेजे गए हैं। घटनास्थल पर इस दौरान सभी प्रकार की सहायता पहुंचाई जा रही है।
- उत्तराखंड के ADGP वी. मुरुगेशन ने कहा कि जान गंवाने वालों में एक सब-इंस्पेक्टर और 3 होम गार्ड भी शामिल हैं।
- स्थानीय विधायक ने बताया कि आज सुबह प्रोजेक्ट साइट पर बिजली का तीसरा फेस डाउन हो गया था। जिसे दोबारा जोड़ते ही करंट फैल गया। इस घटना के लिए पॉवर कॉरपोरेशन के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।