देश रोजाना, हथीन। प्रशासन को हमेशा किसी बड़े हादसे का इंतजार रहता है। हादसे से पहले प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण हथीन थाना के सामने चल रहा सर्कस का मामला है। लगभग एक पखवाड़ा से अवैध रूप से खुलेआम बेखौफ यह सर्कस चल रहा है। सर्कस संचालक ने थाने के सामने खाली पड़ी कृषि भूमि को किराए पर लेकर उसमें बिजली से चलने वाला बडा झूला, अन्य छोटे छोटे झूले एवं मौत का कुंआ जिसमें दो बाइकें व एक कार बडी तेज रफ्तार से चलती हैं। इनके अतिरिक्त लड़कियों का डांस कार्यक्रम भी शामिल है। बिजली का झूला लगभग 50 – 60 फुट ऊंचा है वहीं मौत का कुंआ भी काफी ऊंचा है। सर्कस परिसर में सुरक्षा के कोई प्रबन्ध नहीं किए गए हैं। यदि दुर्भाग्यवश कोई दुर्घटना हो जाती है तो जनहानि होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
साउंड की आवाज भी इतनी तेज होती है कि लगभग आधा किलोमीटर तक आसानी से सुना जा सकता है। मौत का कुंआ में जो बाइकें चलती हैं उनमें साइलेंसर नहीं होता जिससे आवाज गहलब रोड और मैन बाजार तक पहुंचती। ध्वनि प्रदूषण होने से पास में ही स्थित सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि यह सब हथीन थाना के सामने और लघु सचिवालय के निकट हो रहा है और प्रशासन मूकदर्शक बना तमाशा देख रहा है। जिससे आभास होता है कि प्रशासन को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है। इस बारे में एसडीएम संदीप अग्रवाल का कहना है कि उनकी जानकारी में नही है। उनसे कोई स्वीकृति नही ली गई है। वहीं डीएसपी सुरेंद्र कुमार का कहना है कि उनके पास संचालक स्वीकृति के लिए आया था। इस संदर्भ में जिला उपायुक्त हरीश कुमार वशिष्ठ से सम्पर्क किया गया तो उनका कहना है कि जिला प्रशासन ने सर्कस आदि चलाने की स्वीकृति नही दी है। इस बारे में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।