सोशल मीडिया पर ‘आईआईटियन बाबा’ के नाम (mahakumbh 2025:)से मशहूर इंजीनियर अभय सिंह को शनिवार रात जूना अखाड़े के शिविर से बाहर कर दिया गया। उन पर अपने गुरु के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप था। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया, “वह (अभय सिंह) साधु नहीं था, वह लखनऊ से यहां आया था और खुद को संन्यासी बना लिया था।”
उन्होंने(mahakumbh 2025:) बताया कि अभय सिंह अपने गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के साथ यहां आए थे। लेकिन अभय ने अपने गुरु के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसके कारण अखाड़ा ने उसे शिविर और आसपास के क्षेत्रों में आने से रोक दिया।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा, “अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के खिलाफ है। जिस व्यक्ति को गुरु के प्रति सम्मान नहीं है, वह सनातन धर्म का सम्मान कैसे करेगा? जूना अखाड़ा में अनुशासन सर्वोपरि है।”
उन्होंने बताया कि अखाड़ा के सभी सदस्यों को अनुशासन में रहना होता है, लेकिन अभय सिंह ने अपने गुरु का अपमान करके यह परंपरा तोड़ी। इसके बाद अखाड़ा की अनुशासन समिति ने अभय के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की और उसे अखाड़े से बाहर कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि अभय सिंह ने एक वीडियो में बताया था कि उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई से पढ़ाई करने के बाद ‘एयरोस्पेस इंजीनियरिंग’ में नौकरी की थी, जिसे छोड़कर वह संन्यासी बने। हालांकि, उन पर एक रील में अपने पिता और गुरु के खिलाफ अपशब्द कहने का आरोप है, जिसके बाद संतों के बीच उनका विरोध बढ़ा और शनिवार रात उन्हें अखाड़े से बाहर कर दिया गया।