ज्योति मौर्या से तो आप सभी रूबरू हॉन्गव और ऐसी कहानियां भी आपने खूब सुनी होगी लेकिन क्या आपने किसी ऐसी महिला की कहानी सुनी जो अपने पति के लिए दर दर भटक रही हो। ऐसी ही एक कहानी आपको हम बताएंगे जिसे सुनने के बाद आप ये जरुर कहेंगे कि हर कोई ज्योति मौर्य नही होता और यह बात हम नहीं बोल रहे है बल्कि छतरपुर जिले की रहने वाली प्रियंका गौंड का कहना है।
दरअसल मध्य प्रदेश के छतरपुर में रहने वाली एक पत्नी जिसने यह साबित कर दिखाया किसमाज में आज भी ऐसी पत्नियां हैं जो अपने पति को परमेश्वर ही समझती है। यह देख कर आप हैरान तो जरूर हो रहे होंगे लेकिन यह पत्नी ऐसी बिलकुल नहीं है जो एक पद मिलने के बाद अपने पति को भूल जाए। हम बात कर रहे है छतरपुर जिले की रहने वाली प्रियंका गौड़ की जो पिछले साल से अपने विकलांग पति को अनुकंपा नौकरी दिलाने के लिए उसे गौड़ी में उठाकर अधिकारियो के चक्कर काट रही है।
समाज में दिव्यांग पति के प्रति प्रियंका का यह समर्पण मिसाल बना हुआ है। वही इस पर प्रियंका ने कहा कि मैं ज्योति मौर्य नहीं, जो अपने पति का साथ छोड़ दूं। उसका कहना है कि हर हाल में पति को अनुकंपा नियुक्ति के लिए जाती हु। सोशल मीडिया पर प्रियंका गौंड के इस कदम की जमकर तारीफ हो रही है।
साथ ही साथ आपको बता दे कि इस वीडियो में देखा जा सकता है कि यह महिला अपने पति को गौड़ में लेकर कलेक्टर के समीप पहुँचती है। जब मीडिया ने पति गोद में देख उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं ज्योति मौर्य नहीं हूं कि इन्हें छोड़ दूं। इसके साथ ही वो अपने पति की पीड़ा बताते हुए तेज़ तेज़ रोने लगी।
वे पिछले 5 वर्षो से अपने पति को गोद में लेकर दर दर भटक रही है। नेताओं एवं अधिकारीयों से प्रियंका अपने पति के लिए फरियाद लगा रही है। जब प्रियंका अपने पति को गोद में लेकर मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंची तो सभी दृश्य देखकर दंग थे। 2019 में प्रियंका के पति अंशुल गौंड़ के साथ हादसा हुआ था उसी दौरान वह दिव्यांग हो गए। वही पति ने बताया कि उसकी मां शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर पदस्थ थी, मगर वर्ष 2015 में उनकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। जब से लेकर आज तक उन्हें मां की नौकरी की जगह अनुकंपा नियुक्ति नही दी गई है।