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हेनरी फोर्ड ने जुनून के चलते पाई सफलता

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बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपति हेनरी फोर्ड को सस्ती कारों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। हेनरी फोर्ड का जन्म 30 जुलाई 1863 को मिशिगैन राज्य में हुआ था। स्वभाव से मेहनती और कुछ कर गुजरने की ललक की वजह से हेनरी फोर्ड ने 16 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था और डिट्राइड में चले गए थे। हेनरी ने सिर्फ15 साल की उम्र तक ही स्कूली शिक्षा पाई थी। कम पढ़े होने के बावजूद उनमें यांत्रिकी में काफी रुचि थी। कई कारखानों में काम करके इन्होंने मशीनों का ज्ञान प्राप्त किया और फिर 1886 में अपने पिता के पास लौट आए। पिता की 80 एकड़ जमीन पर इन्होंने मशीनों की मरम्मत का कारखाना खोला। चार साल बाद एक बार फिर घर छोड़कर डिट्राइड चले गए और एक इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करना शुरू किया। यहां इन्होंने एक कार बनाई। इसी तरह जीवन चलता रहा। सन 1903 में इन्होंने फोर्ड कंपनी की स्थापना की और कार उद्योग में अपने पैर जमाने शुरू कर दिए। कंपनी खोलने के पहले साल फोर्ड ने 1703 गाड़ियां बनाई जो काफी मुनाफे में बिकीं। अगले साल इन्होंने पांच हजार गाड़ियां बेचीं। फोर्ड का सपना था कि मजबूत, छोटी, सस्ती और तेज चलने वाली गाड़ियां बनाई जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इन्हें खरीद सकें। उन दिनों इनकी एक गाड़ी की कीमत 825 डालर हुआ करती थी। फोर्ड ने अपने कर्मचारियों का वेतन दो गुना करते हुए सस्ती और अच्छी कार बनाने को प्रेरित किया। सन 1913 में इन्होंने असेंबली लाइन तकनीक से गाड़ी बनाने में सफलता प्राप्त कर ली। अधिक उत्पादन से गाड़ियों की लागत घटी और उसकी कीमत 260 डॉलर रह गई। बाद में फोर्ड कंपनी ने ट्रक और ट्रैक्टर भी बनाना शुरू किया और दुनिया की कार उद्योग को एक नया रूप प्रदान किया।

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