बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित वेब मिलर एक युद्ध संवाददाता थे। उन्होंने यूनाइटेड प्रेस में नौकरी की और कई युद्धों की सफल रिपोर्टिंग की थी। उनकी ख्याति पूरी दुनिया में थी। मिलर का जन्म अमेरिका के मिशिगन में 10 फरवरी 1891 में हुआ था। उन्होंने पंचो विला अभियान , प्रथम विश्व युद्ध , स्पेनिश गृहयुद्ध , इथियोपिया पर इतालवी आक्रमण , फोनी युद्ध और 1939 के रुसो-फिनिश युद्ध को कवर किया। वह भारत भी आए थे। उन दिनों भारत अंग्रेजों का एक उपनिवेश था। महात्मा गांधी ने जब सन 1930 में नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की, तो अंग्रेजों ने सत्याग्रहियों पर बर्बर अत्याचार किए। इस आंदोलन के चलते करीब 1300 सत्याग्रही बुरी तरह घायल हुए थे और कई लोगों की मौत हो गई थी। वेब मिलर ने इस घटना की अपनी संस्था यूनाइटेड प्रेस के लिए रिपोर्टिंग की थी। आंदोलन की सजीव और तथ्यपरक रिपोर्टिंग की वजह से दुनिया भर के लोगों को नमक सत्याग्रह आंदोलन में पता चला और अंग्रेजों की बर्बरता का भी। दुनिया भर के देशों ने अंग्रेजों की इस बर्बरता के लिए निंदा की। उन्हें इस सजीव रिपोर्टिंग के लिए कई तरह के पुरस्कार दिए गए। लेकिन अंग्रेजी शासन की आंख का कांटा वह हमेशा रहे। जब 1931 में गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए गांधी जी लंदन पहुंचे तो उन्होंने महात्मा गांधी से मुलाकात की। पत्रकार मिलर ने अपनी जेब से सिगरेट की एक डिब्बी निकाली और गांधी जी से उस पर आटोग्राफ देने का निवेदन किया। गांधी जी ने सिगरेट की डिब्बी को हाथ में लेकर उलट-पुलटकर देखा। उस पर कई प्रसिद्ध लोगों के हस्ताक्षर थे। गांधी जी ने कहा कि मैं हर प्रकार के नशे के खिलाफ हूं। अगर तुम इस डिब्बी में सिगरेट न रखने का वायदा करो, तो मैं हस्ताक्षर कर दूंगा। वेब मिलर गांधी जी की बात मान गए।
वेब मिलर ने उजागर की अंग्रेजों की बर्बरता
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