बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
बिहार में सन 1923 को जन्मी जमाल आरा को बर्ड वूमन आफ इंडिया कहा जाता है। भारत में वह शायद पहली महिला हैं जिन्होंने पक्षियों के बारे में गहराई से अध्ययन किया और उसके बारे में लिखा। जमाल आरा का जन्म बिहार के एक रूढ़ीवादी मुस्लिम परिवार में हुआ था। बड़ी होने पर उनकी शादी चचेरे भाई पत्रकार हम्दी बे के साथ हुआ था। इस शादी से उन्होंने एक बेटी मधुका को जन्म दिया। जमाल आरा का निकाह जिससे हुआ था, वह उनके लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। कई तरह की परेशानियां को सहते-सहते आरा आजिज आ गई थीं। आखिरकार हम्दी बे ने उन्हें तलाक दे दिया और वह अपनी बेटी के साथ सड़क पर आ गईं। संकट के समय उनका सहारा बने एक दूसरे चचेरे भाई सामी अहमद जो इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में थे। रांची में तैनात सामी अहमद के घर में रहने के दौरान आरा ने रांची के पलामू के जंगलों में घंटों बिताना शुरू किया। इस दौरान उनका परिचय वहां रह रही एक अंग्रेज अधिकारी पीडब्ल्यू आॅगियर की पत्नी से हुई। श्रीमती आॅगियर की प्रेरणा से आरा ने अपनी अंग्रेजी को सुधरना शुरू किया क्योंकि वह सिर्फ दसवीं पास थीं। एक बार उनकी रुचि पक्षियों में जगी, तो उन्होंने पक्षियों की गतिविधियों को देखना और नोट करना शुरू किया। पक्षियों को देखने, उनकी गतिविधियों को नोट करने की प्रेरणा भी अधिकारी की पत्नी ने दी थी। जैसे-जैसे वह अंग्रेजी में अच्छी गद्य लिखने लगी, अहमद और आॅगियर ने उसे अपने नोट्स को लेखों में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया और ये प्रकाशित होने लगे। एक दिन वह भी आया जब एक प्रसिद्ध पर्यावरण पत्रिका में उनका लेख छपा। इसके बाद तो उनका 1949 से 1988 तक लगातार लिखना जारी रहा। लेकिन अफसोस कि जब वह इस दुनिया से गईं, तो किसी को पता नहीं चला।
पक्षी प्रेम ने बना दिया बर्ड वूमन आफ इंडिया
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