आपने एलियंस की कहानियां खूब सुनी होंगी। साथ ही ये भी सुना होगा कि धरती पर भी इनका आना-जाना लगा रहा है। अब अमेरिका की वायुसेना के पूर्व खूफिया अधिकारी ने एलियंस को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। अधिकारी ने बताया कि अमेरिका एलियंस और यूएफओ से जुड़ी जानकारी दशकों से छिपा रहा है। यूएफओ को अब अमेरिका की सरकार यूएपी कहती है। वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने दावा किया कि अमेरिका यूएफओ की रिवर्स इंजीनियरिंग पर काम कर रहा है। हालांकि, अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने पूर्व वायुसेना अधिकारी के खुलासे का खंडन किया है।
अमेरिकी कांग्रेस के सामने रखी बातें
खबर के मुताबिक रिटायर्ड मेजर डेविड ग्रश अमेरिकी कांग्रेस की हाउस ओवरसाइट उपसमिति के सामने पेश हुए। इस दौरान अपनी बात रखते हुए मेजर ग्रश ने बताया कि साल 2019 में यूएपी पर सरकार की टास्क फोर्स के प्रमुख ने उन्हें फोर्स के मिशन से संबंधित सभी खुफिया प्रोग्राम की पहचान करने का काम दिया था। मेजर ग्रश ने बताया कि उन्हें इसी दौरान राष्ट्रीय पूर्व परीक्षण कार्यालय के बारे में पता चला। यही एजेंसी अमेरिका के खुफिया सैटेलाइट्स का संचालन करती है।
अमेरिका चला रहा रिवर्स इजीनियरिंग प्रोग्राम
मेजर ग्रश ने बताया कि उन्हें काम के दौरान पता चला कि दशकों से यूएपी के क्रैश होने की घटनाओं पर रिसर्च और यूएपी पर रिवर्स इंजीनियरिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है। हालांकि इन प्रोग्राम के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। ग्रश ने कहा कि अमेरिकी सरकार को भी ऐसे प्रोग्राम के बारे में साल 1930 से ही जानकारी है।
पेंटागन ने किया दावों का खंडन
अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने मेजर ग्रश के दावों का खंडन किया है। पेंटागन ने एक बयान जारी कर कहा कि जांच में यूएपी की रिवर्स इंजीनियरिंग के दावों के संबंध में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है और ना पूर्व में और ना वर्तमान में इससे संबंधित कोई कार्यक्रम चल रहा है। मेजर ग्रश ने ये भी बताया कि सरकारी व्हिसिलब्लोअर बनने के चलते उन्हें काफी विरोध झेलना पड़ा। हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी देने से मेजर ग्रश ने इनकार कर दिया।