शुक्रवार को सिंगापुर में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए एक 45 वर्षीय आरोपी महिला को फांसी की सजा दी गई। सजा पाने वाली इस महिला का नाम सारिदेवी बिन्ते जामानी था, जिसे वर्ष 2018 में नशीली दवा हेरोइन की तस्करी करने के जुर्म में दोषी पाया गया था। बता दें कि करीब बीस साल बाद सिंगापुर में किसी महिला को सजा ए मौत की सजा दी गई है।
फांसी की सजा पाने वाले आरोपी महिला को 30 ग्राम हेरोइन रखने के जुर्म में दोषी पाया गया था। इस जुर्म के लिए सिंगापुर में मौत की सजा का प्रावधान है। इस मामले पर सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने कहा कि 45 साल की इस आरोपी महिला को वर्ष 2018 में हेरोइन की तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था जिसके चलते उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एक शख्स को फांसी की सजा दी गई थी, जोकि 50 ग्राम हेरोइन की तस्करी का दोषी ठहराया गया था। ऐसे में सिंगापुर में बीते दिनों में दूसरे व्यक्ति को मौत की सजा दी गई है।
तीन दिन में दी 2 लोगों को फांसी
सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने कहा कि अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ आरोपी सारिदेवी ने अपील की थी, जिसे 6 अक्टूबर 2022 को अदालत ने खारिज कर दिया था। जानकारी के मुताबिक सिंगापुर में यह मांग की जा रही है कि नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए मौत की सजा बंद की जाए। इस बीच दो लोगों को फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद मानवाधिकार संगठन के लोग बेहद गुस्से में हैं।
बीस साल पहले दी गई थी किसी महिला को फांसी
सिंगापुर जेल सेवा के हवाले से एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जामानी 2004 के बाद से देश में फांसी की सजा पाने वाली पहली महिला हैं। दरअसल, इससे पहले येन मे वोएन नाम की महिला को मादक पदार्थों की तस्करी के लिए फांसी की सजा दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, येन 36 साल की थी जोकि हेयरड्रेसर का काम करती थीं। दो साल के विराम के दौरान COVID-19 महामारी के बाद मार्च 2022 में फांसी की सजा एक बार फिर से शुरू करने के बाद सरकार द्वारा यह 15वीं मौत की सजा है। इससे पहले बुधवार को अजीज बिन हुसैन नाम के शख्स को करीब 50 ग्राम हेरोइन की तस्करी के आरोप में फांसी की सजा दी गई। शुक्रवार को स्थानीय अधिकार समूह ट्रांसफॉर्मेटिव जस्टिस कलेक्टिव ने कहा कि आगामी 3 अगस्त को एक और दोषी को फांसी की सजा दी जाएगी।