शुक्रवार को भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया पर जुर्माना लगाने के बाद अब इंडिगो एयरलाइन पर भी 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना डीजीसीए ने बीते छह महीनों में चार टेल स्ट्राइक की घटनाओं के चलते लगाया है। लोगों के कॉकपिट में अनाधिकृत प्रवेश की घटनाओं के चलते यह कार्यवाही की गई है। बता दें कि इससे पहले ऐसी घटना एयर इंडिया की एयरलाइन्स में भी हो चुकी हैं। वहीं न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने इस मामले पर डीजीसीए के हवाले से कहा कि इंडिगो एयरलाइंस पर डीजीसीए ने 30 लाख रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया है और उन्हें अपने दस्तावेज और प्रक्रियाओं में संशोधन करने के भी निर्देश दिए गए हैं जो डीजीसीए की आवश्यकताओं और ओईएम के दिशानिर्देशों के अनुसार हो।
हाल ही में एयरलाइंस से कॉकपिट में लोगों के अनधिकृत प्रवेश की घटनाओं को रोकने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नियमों का सख्ती से पालन करने के साथ-साथ पायलट और केबिन क्रू को सेंसटिव बनाने के लिए कहा था। डीजीसीए ने अनधिकृत कॉकपिट प्रवेश से संबंधित लागू विनियमन को किसी भी गैर-अनुपालन से सख्ती से निपटाए जाने की भी चेतावनी दी थी और कहा था कि इस पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती।
हाल की दो घटनाओं के चलते डीजीसीए का यह कदम सामने आया है। जिसमें उड़ान के दौरान कॉकपिट के अंदर जाने की अनुमति अनधिकृत लोगों को दी गई थी। अपनी एडवाइजरी जारी कर डीजीसीए ने कॉकपिट में किसी भी अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए सभी लिस्टेड एयरलाइन्स के ऑपरेशन प्रमुखों से उचित माध्यमों का प्रयोग करने के लिए कहा था। डीजीसीए के सुरक्षा मानदंडों के मुताबिक कॉकपिट में अनधिकृत लोगों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और ऐसा करने से प्रवेश मानदंडों का उल्लंघन होता है।
इसके साथ ही नियामक ने कहा कि हाल ही में डीजीसीए को विमान के कॉकपिट में अनधिकृत प्रवेश के सभी मामले सूचित किए गए हैं। जिसमें कॉकपिट में बिना अधिकार या बिना उद्देश्य वाले लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी। डीजीसीए के मुताबिक इस तरह की अनधिकृत उपस्थिति के कारण कॉकपिट में क्रू का ध्यान उनके सेंसटिव कार्यों से भटक सकता है और इससे गलतियां हो सकती हैं जोकि विमान संचालन की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
चंडीगढ़-लेह रूट पर चलने वाली एयर इंडिया में 3 जून को हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा गया कि प्रस्थान के दौरान फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड ने एक अनधिकृत व्यक्ति को कॉकपिट में जाने की अनुमति दी थी और पूरी उड़ान के दौरान वह व्यक्ति कॉकपिट में ही मौजूद रहा। इससे पहले इसी तरह की एक घटना में 27 फरवरी को टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एयरलाइन्स के पायलट ने अपनी एक महिला मित्र को दिल्ली-दुबई उड़ान के दौरान कॉकपिट में जाने की अनुमति दी थी।
जिसके बाद दिल्ली-दुबई उड़ान के दौरान हुई घटना से सेफ्टी में चूक के लिए डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 30 लाख का जुर्माना लगाया था। जबकि पायलट का लाइसेंस 3 महीनों के लिए ससपेंड किया गया था। हालांकि, सुरक्षा नियामक ने दूसरी घटना चंडीगढ़-लेह फ्लाइट में पायलट-इन-कमांड का उड़ान लाइसेंस करीब 1 साल के लिए और फर्स्ट ऑफिसर का उड़ान लाइसेंस करीब 1 महीने के लिए ससपेंड कर दिया है।