हरियाणा के चंडीगढ़ में एचएसवीपी ने 2018 के आदेशों को लागू करते हुए सेक्टरों में प्रति वर्ष पानी के रेटों में 25% की बढ़ोतरी करने के आदेश दिए थे। नए रेट के हिसाब से सेक्टर वासियों को बिल भी जारी कर दिया गया था। लेकिन इतनी बढ़ती मांगों को देखकर सेक्टर वासियों ने विरोध किया जिसके बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने इसमें हस्तक्षेप किया।
हरियाणा सरकार के हस्तक्षेप के बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने पेयजल की दरों में 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी के निर्णय को वापस लिया। वित्त वर्ष में सिर्फ 5 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की जाए इस पर विचार विमर्श शुरू हुआ। एचएसवीपी सोमवार तक इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करेगा। एचएसवीपी ने पिछले महीने पानी के बिलों में अचानक 25 सीसी की बढ़ोतरी कर दी थी इसमें सेक्टर वासियों में चींटी के खिलाफ भारी रोष था।एचएसवीपी की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि साल 2018 में प्रतिवर्ष 5 फ़ीसदी रेट बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा। कोरोनावायरस के कारण बीच में पानी के रेट में बढ़ोतरी नहीं की गई थी लेकिन विभाग ने पिछले साल के बकाया को एक साथ जोड़ कर जून में बिल भेज दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने पानी के बड़े बेटे को कम करने का आग्रह किया है।
सेक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने कहा है कि सरकार ने 20% की बढ़ोतरी को कम करने का निर्णय लिया है इसलिए एसोसिएशन की मांग है कि पुराने ब्लॉक को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए।