कविता
निगम ने स्कूल, मंदिर, अनाथ आश्रम, सब्जी मंडी हर जगह कचरे के ढेर लगाए हुए हैं। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा पड़ सकता है। सेक्टर-21ए स्थित शांति निकेतन पब्लिक स्कूल के गेट के सामने लगा कचरे का ढेर न उठने पर विद्यार्थियों ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस (वर्ल्ड नेचर कंजर्वेश न डे) पर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बच्चों और अध्यापकों का आरोप है कि रास्ते से होता हुआ यह कचरे का ढेर अब स्कूल के गेट तक पहुंच गया है। कचरा यहां न डालने की बात कहने पर कर्मचारी धमकाते है। अब यहां कचरे का यहां पहाड़ बन गया है। जिसे देखकर मास्क लगाकर बच्चों ने रास्ता क्लीयर करवाने की मांग उठाई।
कचरा डालकर किया रास्ता बंद
हर साल 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है, लेकिन यह बात शायद निगम के अधिकारियों को नहीं पता। तभी उन्होंने स्कूल के सामने सड़क पर ही ईक ग्रीन कोकचरेका ढेर लगाकर सड़क बन्द करवाने में सहयोग दिया। सरकार ने ईकोग्रीन को ठेका इसलिए दिया था कि धरती के अनुकूल पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के सरंक्षणपर जोर दिया जा सके। लेकिन निगम के लापरवाह अधिकारियों के कारण आज पूरे शहर में कचरे के ढेर लगे हैं। अब निगम अधिकारियों की सह पर ईकोग्रीन ने सेक्टर-21 से मारबल मार्किंट से होते हुए बाईपास के लिए जा रही सड़क को ही कचरा डालकर बंद कर दिया। कचरा अब स्कूल के गेट तक पहुंच रहा है। जिससे यहां पढ़ने वाले बच्चों, पढ़ाने वाले अध्यापकों के अलावा बच्चों को स्कूल छोड़ने आ रहे परिजनों को भारी परेशानियां हो रही है। निगम अधिकारियों की लापरवाही और ईकोग्रीन कंपनी की मनमानी के कारण पूरा शहर कचरे के ढेर में तब्दील होता जा रहा है।
समाधान न होने पर किया प्रदर्शन
सेक्टर-21ए गेट नम्बर 15 परस्थित शांति निकेतन पब्लिक स्कूल के गेट के सामने इकोग्रीन द्वारा बनाए गए डम्पिंग यार्ड को हटाने के लिए स्कूल प्रबंधन ने 24 जुलाई को जिला उपायुक्त को सड़क पर बने यार्ड हटवा कर रास्ता खोलने की मांगकी थी। जिसमें उन्होंने बताया कि कर्मियों को कचरा हटाने के लिए बोलने पर वे लड़ने लगते हैं। शिकायत करने के बावजूद भी निगम ने कचरा नहीं उठाया। जिससे मजबूरी में मास्क लगाकर बच्चों ने कचरा हटाने के लिए बैनर, पोस्टर लेकर निगम और प्रशासन से इस कचरे के ढेर को उठाकर बंद रास्ते को खुलवाने की मांग की।