Monday, December 23, 2024
16.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiनिजी स्कूलों की मान्यता पर मनोहर सरकार हुई नरम

निजी स्कूलों की मान्यता पर मनोहर सरकार हुई नरम

Google News
Google News

- Advertisement -

हरियाणा सरकार ने प्रदेश के निजी स्कूलों को एक बड़ी राहत प्रदान की है। अब प्रदेश के जिन स्कूलों को संचालित होते हुए बीस साल से ऊपर हो गए हैं, उनको मान्यता के लिए दोबारा आवेदन नहीं करना पड़ेगा। जिन स्कूलों को संचालित होते हुए दस साल से ऊपर हो गए हैं, उनको आवेदन करना होगा। ऐसे निजी स्कूलों की समीक्षा सरकार करेगी। यदि समीक्षा के दौरान सब कुछ सही पाया गया, तो प्रदेश सरकार उनकी मान्यता को बहाल कर देगी। प्रदेश सरकार के इस फैसले से राज्य के चार हजार से अधिक स्कूलों को राहत मिलेगी।

मान्यता न मिलने से स्कूल संचालकों को काफी परेशान हो रही थी। अब वे राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि नए मामले में आवेदन करने के साथ-साथ यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि सरकार द्वारा तय किए गए मानकों का वे पालन करते हैं और भविष्य में भी पालन करते रहेंगे। ऐसे स्कूलों की समीक्षा का आधार भी उनके द्वारा दी गई अंडरटेकिंग ही होगी। आवेदन करने के बाद ही सरकार मान्यता को रिन्यू करेगी। मालूम हो कि 21 जुलाई को फेडरेशन आॅफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से मुलाकात की थी। 

पदाधिकारियों ने मंत्री से अपनी समस्याएं बताई थीं। मंत्री ने भी उनकी समस्याओं को सुलझाने का आश्वासन दिया था। यह सही है कि किसी भी संस्थान को हर साल मान्यता के लिए आवेदन करना और फिर सरकार से मान्यता हासिल करना, परेशानी का सबब है। लेकिन सरकार का यह मानना भी सही है कि ज्यादातर निजी स्कूल एक बार मान्यता हासिल कर लेने के बाद मनमानी पर उतर आते हैं। वे बिना सरकार को सूचित किए फीस बढ़ा लेते हैं, अध्यापकों और कर्मचारियों को वेतन कम वेतन देते हैं। दूसरी कई तरह की मनमानी करते हैं। बच्चों से एक निश्चित दुकान से ही कापी, किताबें और स्कूल ड्रेस आदि लेने को या तो बाध्य करते हैं या फिर इन वस्तुओं को खुद ही महंगे दामों पर बेचते हैं।
सरकार के अंकुश लगाने की वजह से ही अभिभावकों का आर्थिक शोषण नहीं हो पाता है। सरकार को चाहिए कि जितना भी समय उसने स्थायी मान्यता देनेके लिए तय किया है, उस अवधि में सभी मानकों पर कड़ाई से पालन करवाए। स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए मैदान है या नहीं, विज्ञान की कक्षाओं के लिए प्रयोगशालाएं हैं या नहीं, उनमें सारे उपकरण उपलब्ध हैं या नहीं।

पीने के पानी की व्यवस्था है या नहीं, लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था तो जरूर देखी जानी चाहिए। जब तक ये व्यवस्थाएं मुकम्मल न हों, तब तक स्कूलों को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। कई निजी स्कूल तो मान्यता को लेकर भी धोखाधड़ी करते हैं। उन्हें सरकार से मान्यता मिली नहीं होती है, लेकिन वे अभिभावकों से मान्यता मिलने की बात बताते हैं। इससे जब सरकार कार्रवाई करती है, तो स्कूली बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है। उनका वह शैक्षिक सत्र खराब हो जाता है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

हरियाणा में बर्थडे पार्टी में गोलियां मारकर 3 की हत्या: इनमें हिसार की युवती, दिल्ली के 2 युवक शामिल; नई स्कार्पियो में बैठे थे

हरियाणा के पंचकूला में सोमवार तड़के 3 बजे होटल में बर्थडे पार्टी के दौरान पार्किंग में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिसमें नई स्कार्पियो कार...

Haryana News:राजनाथ सिंह आज ओम प्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने जाएंगे सिरसा

रक्षा मंत्री (Haryana News:)राजनाथ सिंह आज हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना...

Mahakumbh:अवध की पेशवाई यात्रा प्रयागराज पहुंची

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में (Mahakumbh:)गंगा और यमुना के त्रिवेणी संगम के किनारे से ड्रोन द्वारा ली गई तस्वीरें 2025 के महाकुंभ मेला के...

Recent Comments