आजकल लोगों की थाली से टमाटर गायब हो गया है। तकलीफ उन लोगों को ज्यादा है जो शाकाहारी खाना खाते है क्योंकि वे लोग टमाटर का ज्यादा उपयोग करते है।हालांकि तकलीफ तो सभी को हुई है टमाटर जैसी सब्जी भी अगर लोगों को ना खाने मिले तो फिर क्या कहना।
टमाटर के दामों में उछाल को लेकर सरकार की तरफ से मौसमी असर बताया गया है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में यह बताया कि हाल के दिनों में बड़ी महंगाई का प्रमुख कारण मौसम है। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि कर्नाटक में सफेद मक्खी संबंधी बीमारी और तुरंत ही उत्तर भारत में मॉनसून का आजाना वजह है। क्योंकि इसी कारण टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा और इसी वजह से टमाटर के दामों में उछाल आया। सरकार की तरफ से यह भी बताया गया कि 22 आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों की निगरानी करती है, दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने यह तर्क दिया कि कम पैदावार की वजह से अरहर की दाल की कीमतों में भी उछाल है।
सरकार ने इसका आयात भी किया था लेकिन दामों में ज्यादा असर नहीं देखने को मिला देश में 6 हफ्तों से भी ज्यादा समय से टमाटर की कीमतें लगातार बढ़ रही है। लोकल सर्किल एजेंसी के सर्वे में यह बात सामने आई है कि टमाटर के दाम पिछले हफ्ते हर तीन में से एक भारतीय परिवार ने एक किलो टमाटर के लिए ₹200 या उससे ज्यादा ही पैसे खर्च किए हैं। दस फीसदी लोगों ने 250 ₹ और 30 फीसदी लोगों ने इसके लिए 150 से लेकर ₹200 खर्च किए हैं। टमाटर की बढ़ती कीमतों की वजह से जून की तुलना में जुलाई में शाकाहारी थाली तैयार करना 28 फ़ीसदी महंगा हो गया रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की जड़ी कही गई रिपोर्ट में बताया गया कि थालियां की महंगाई काफी हद तक टमाटर की कीमतों में 233 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण हुई है।