रेवाड़ी। भाजपा के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ नेता रणधीरसिंह कापड़ीवास ने आज उन सभी कयासों पर विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि उनकी आत्मा आज भी भाजपा के साथ है और वह अपने भतीजे मुकेश कापड़ीवास को भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ाने का प्रयास करेंगे। कापड़ीवास ने कहा कि वह भाजपा को अच्छी पार्टी मानते ही नहीं, क्योंकि इसमें पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचने वालों को दरकिनार कर हेलीकॉप्टरी नेताओं को तवज्जो दी जाती है।
सोमवार को अपने कार्यालय में बुलाई गई पत्रकारवार्ता में उन्होंने खुलकर भाजपा के खिलाफ बोला। कापड़ीवास ने कहा कि उन्होंने उस समय भाजपा से चुनाव लड़ा, जब पार्टी की केवल दो-तीन सीटें आई थी। में मान रहा था कि भाजपा मूल्यों की राजनीति कर रही है, इसलिए यहां संगठन को अपने पसीनें से सींचा, लेकिन दुख उस समय हुआ, जब पार्टी ने उनकी टिकट काटकर बाहर से आए लोगों को गले लगा लिया। इसी वजह से उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और आमजन को बताया कि यह लड़ाई असली और नकली भाजपा की है। भाजपा से आत्मा जुड़ी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा सनातन व हिंदू से जुड़ी है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से पार्टी बाहर से आए लोगों (इशारे में राव इंद्रजीत सिंह के बारे में) को महत्व दे रही है, उसे देखकर में कह सकता हूं कि भाजपा अच्छी पार्टी नहीं है। नूंह में पहुंची ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा में हथियार संबंधी बयान को लेकर उन्होंने राव इंद्रजीत सिंह पर हमला बोला और कहा कि उनकी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती है, वरना वह इस प्रकार की बयानबाजी नहीं करते। लेकिन उन्हें लगता है कि भाजपा राव इंद्रजीतसिंह से डरती है, यदि ऐसा नहीं है तो इस प्रकार की बयानबाजी करने पर और भाजपा की विचारधारा के विपरीत जाने पर उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए।
या फिर स्वंंय राव इंद्रजीतसिंह को यदि पार्टी की विचारधारा रास नहीं आ रही है तो स्वंय त्यागपत्र दे देना चाहिए। निकट भविष्य में होने वाले चुनाव में भाजपा व कांग्रेस में किसका पलड़ा भारी रहेगा, इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन कांग्रेस नेता कप्तान अजयसिंह यादव को राव इंद्रजीतसिंह का हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि उक्त दोनों नेता चुनाव में नूरा कुश्ती करते है । कप्तान अजय, राव इंद्रजीतसिंह को सांसद बनाते है और राव, कप्तान को विधायक बनाते है ।