190 दिन के वक्त के बाद लोकसभा के चुनाव होने हैं और ऐसे में मॉनसून सत्र भी हुआ हालांकि पूरा के पूरा मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा। पूरे सत्र में मणिपुर मुद्दा गरमाया रहा। विपक्ष की मांग थी के सदन में प्रधानमंत्री आए और मणिपुर मुद्दे पर बोले विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया गया। संख्या बल में दोनों ही सदनों में अविश्वास प्रस्ताव कमजोर पड़ा और खारिज हुआ। पूरे मॉनसून सत्र में सदन के बाहर और अंदर माहौल गरम ही रहा सत्ता पक्ष और विपक्ष में गठबंधनों को लेकर जोर आजमाइश देखने को मिली। इस मॉनसून सत्र में आने वाले लोकसभा चुनाव का ट्रेलर भी देखा गया। 8 अगस्त 9 अगस्त और 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सभी दलों की तरफ से अपने-अपने गठबंधनों को साधने की कोशिश हुई और शुक्रवार को संसद का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि मणिपुर मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में लगातार गतिरोध बना रहा। हंगामे के बीच कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित पारित करवाने में भी सरकार कामयाब रही तो वहीं सत्र के दौरान ही कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिली और वे दोबारा से संसद लौटे तो दूसरी तरफ राज्यसभा में रजनी पाटिल का निलंबन रद्द हुआ। विपक्ष के चार सांसदों को भी निलंबन झेलना पड़ा। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और आम आदमी पार्टी नेता सुशील कुमार रिंकू, राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा पर अशोभनीय और नियम विरुद्ध आचरण के कारण निलंबन की कार्रवाई हुई। पूरे सत्र में गठबंधन की राजनीति हावी दिखाई दी। बीजेपी ने अपने गठबंधन एनडीए को महत्वपूर्ण बताया तो वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया पर तीखे वार- पटवार किए गए। तो आपसी तालमेल बढ़ाने के लिए करीब 10 समूह में एनडीए सांसदों की बैठक भी हुई, जिसमें प्रधानमंत्री के साथ ही वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद रहे तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने नए स्वरूप वाले इंडिया गठबंधन को लेकर कहीं बैठकें की। विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में गठबंधन की एकता दिखाते हुए सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की हालांकि इससे कुछ दल गठबंधन से दूर रहे और उन्होंने बीजेपी का साथ भी दिया। कहा जा सकता है कि पूरे सत्र में राजग-इंडिया की जोर आजमाइश दिखाई दी।
पूरे सत्र में पाटिर्यो की जोर-आजमाइश दिखाई दी—
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