देश रोज़ाना: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा एक बड़ा रूप लेकर सामने आया। जिसका विवाद तमाम सुरक्षा के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नूंह में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली स्थित जंतर-मंतर में आयोजित महांपचायत में बवाल हो गया। इस महापंचायत में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने भड़काऊ भाषण दिया। इस पर दिल्ली पुलिस ने एहतियातन महापंचायत को रोक दिया। साथ ही नरसिंहानंद को जबरन पंचायत से ले गई। इस दौरान उन्हें पुलिस ने मीडिया से भी बात नहीं करने दी।
यह महापंचायत ऑल इंडिया सनातन फेडरेशन ने बुलाई थी। जिसमें हरियाणा के गोरक्षक मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी पर चर्चा की गई। इधर दिल्ली पुलिस ने इस पंचायत की वीडियोग्राफी कराई।
पंचायत में वक्ताओं ने हिंसा में मरने वाले लोगों को सरकार द्वारा मुआवजा देने की मांग की। साथ ही वहां रहने वाले हिंदू समाज की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की। सरकार से कहा गया है कि मेवात में रहने वाले हिंदू समाज के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। दिल्ली पुलिस की ओर से किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए पंचायत के चारों ओर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया।
इससे पहले हरियाणा में भी पंचायतें हो चुकी हैं। जिसमें यह तय किया गया था कि हरियाणा के बाद दिल्ली में नूंह हिंसा में मारे गए लोगों और उनके परिजनों को न्याय की आवाज उठनी चाहिए थी। इसको देखते हुए पंचायत में हिंदू महासभा के साथ और भी संगठन शामिल हुए।
दिल्ली में जंतर मंतर पर पंचायत में पलवल, नूंह, गुरुग्राम, रेवाड़ी, दिल्ली, रोहतक, झज्जर व अन्य क्षेत्रों से लोग भाग लेने पहुंचे। इस दौरान लोगों को नूंह जिले की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। जैन समाज नूंह के प्रधान विपिन जैन ने कहा कि यदि हालात यही रहे तो एक दिन नूंह कश्मीर में बदल जाएगा।
उन्होंने मांग की कि दंगों में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनके कोर्ट ट्रायल गुरुग्राम अथवा अन्य जिलों की अदालतों में कराए जाएं। नूंह जिले की अदालतों में पीड़ित बयान नहीं दे पाएंगे।