काफी चर्चा और बैठकों के बाद आखिरकार कांग्रेस वर्किंग कमेटी की नई सूची जारी कर दी गई है। जैसा कि अक्सर होता है सभी पार्टियों में जिसको जगह मिलती है वह खुश होता है और जिसे नहीं रखा जाता है वह नाराज होता है ऐसा ही सीडब्ल्यूसी की लिस्ट जारी होने के बाद हुआ। आचार्य प्रमोद कृष्णम को जगह नहीं दी गई है,जिसे लेकर वे नाराज है उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहां कि कांग्रेस में कुछ ऐसे भी नेता है जो हिंदू नाम से नफरत करते हैं और पार्टी को वामपंथी के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं उन्होंने यह भी कहा कि इन नेताओं को वंदे मातरम और भगवा से भी नफरत है जब कांग्रेस वर्किंग कमेटी में आचार्य प्रमोद कृष्णम को शामिल नहीं किया गया तो सोशल मीडिया पर सवाल पूछे जाने लगे तो उन्होंने एक सवाल के जवाब मे उन्होंने कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकलते हुए कहां की कांग्रेस के कुछ नेताओं को हिंदू नाम से नफरत है,कांग्रेस के कुछ नेता को भगवा से नफरत है, कुछ लोग वंदे मातरम को भी पसंद नहीं करते हैं और कांग्रेस पार्टी को कुछ नेता वामपंथी के रास्ते पर ले जा रहे हैं कांग्रेस के कुछ नेता टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोगों को ज्यादा पसंद करते हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया अकाउंट्स एक्स यानी ट्विटर पर लिखा की पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को मेरी वेशभूषा और तिलक से चिढ़ है जिन्हें में इस जन्म में नहीं छोड़ सकता आपको बताते हैं कि कांग्रेस ने इस साल के आखिर में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को मत देना सर नई वर्किंग कमेटी की सूची जारी की है जिसमें सोनिया गांधी राहुल गांधी मल्लिकार्जुन खडगे के समेत 39 सदस्यों को रखा गया है इसमें कहीं सीनियर नेताओं के नाम भी है राजस्थान से अशोक गहलोत का नाम हटा दिया गया है लेकिन सचिन पायलट को जगह दी गई है तो वहीं शशि थरूर को भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी में शामिल किया गया है हालांकि आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं बावजूद इसके उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी में शामिल नहीं किया गया है आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जिन लोगों को वर्किंग कमेटी में शामिल किया गया है उन्हें बधाई भी दी है उन्होंने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा सलमान खुर्शीद जय राम रमेश कुमारी सेल जा राजीव शुक्ला दीपेंद्र हुड्डा और शशि थरुचे नेताओं को कूक में शामिल किए जाने के लिए बधाई दी है और यह भी कहा है कि यह पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का सबूत है।