Bettiah Raj: बिहार सरकार ने बेतिया राज की 15,358 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। इसके लिए हाल ही में राजपत्र अधिसूचना जारी की गई। इससे पहले, इन जमीनों का प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया जाता था। अधिग्रहण के बाद यह जमीन अब पूरी तरह से राज्य सरकार के अधीन आ गई है। सरकार ने इस अधिग्रहण को सुनिश्चित करने के लिए बेतिया राज संपत्ति निहित अधिनियम-2024 लागू किया है।
बेतिया राज की जमीन का बड़ा हिस्सा बिहार के पश्चिमी चंपारण (9,758.72 एकड़), पूर्वी चंपारण (5,320.51 एकड़), गोपालगंज, सीवान, पटना और सारण जिलों में फैला है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या जैसे इलाकों में भी यह जमीन मौजूद है। जमीन का कुल मूल्य करीब 7,957 करोड़ रुपये आंका गया है। हालांकि, इस संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा वर्षों से अतिक्रमण का शिकार हो रहा है।
बेतिया राज के अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह की 1893 में मृत्यु हो गई थी। उनकी कोई संतान नहीं थी, जिससे यह संपत्ति उनकी पत्नियों महारानी शिव रत्ना कुंवर और महारानी जानकी कुंवर के नाम हो गई। बाद में, महारानी जानकी कुंवर संपत्ति की देखरेख में असमर्थ रहीं। ऐसे में ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ ने इसका प्रबंधन संभाल लिया। अब सरकार ने इस संपत्ति को अधिग्रहित कर संरक्षण और बेहतर प्रबंधन का फैसला किया है।
सरकार का कहना है कि इस अधिग्रहण से जमीनों के संरक्षण और उनके प्रभावी उपयोग में मदद मिलेगी। साथ ही, राज्य सरकार अब नियम बनाकर इन संपत्तियों का प्रबंधन करेगी। यह फैसला राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पारित विधेयक के आधार पर लिया गया। जमीनों का संरक्षण राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।