जनता दल (यूनाइटेड)( Bihar JDU: ) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया, और उनकी जगह राजीव रंजन प्रसाद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जद(यू) के आधिकारिक बयान के अनुसार, त्यागी ने निजी कारणों से राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि, पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, त्यागी की केंद्र सरकार की नीतियों पर खुलकर की जाने वाली टिप्पणियां जद(यू) और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच असहजता का कारण बन रही थीं।
Bihar JDU: भाजपा के साथ संबंधों में असहजता!
त्यागी दिल्ली में रहते हैं और राष्ट्रीय मीडिया में अपनी अभिव्यक्ति और अनुभव के कारण विशेष पहचान रखते हैं। उनके मुखर रुख के कारण पार्टी के भीतर और भाजपा के साथ संबंधों में असहजता पैदा हो रही थी। चाहे समान नागरिक संहिता हो, वक्फ (संशोधन) विधेयक हो, फिलिस्तीन के मुद्दे पर सरकार का रुख हो या अन्य विवादास्पद मुद्दे, त्यागी का स्पष्ट और दृढ़ विचार पार्टी के अन्य नेताओं को अक्सर असहज करता था और भाजपा के लिए भी समस्या का कारण बनता था। जानकारी के अनुसार पार्टी चाहती है कि केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह और पार्टी संसदीय दल के नेता व कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भाजपा के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में भूमिका निभाएं। भाजपा, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में मतभेद को लेकर हो रही चर्चाओं को समाप्त करने के लिए अपने सहयोगी दलों के नेताओं से संपर्क बनाए रखती है ताकि बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।
निजी कारणों का दिया हवाला
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राजीव रंजन प्रसाद को नया राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया है। प्रसाद वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव की भूमिका निभा रहे थे। उनकी नियुक्ति का उद्देश्य पार्टी के भीतर और बाहर संवाद को संतुलित और प्रभावी बनाए रखना है। केसी त्यागी को मई 2023 में राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ ही ‘विशेष सलाहकार’ नियुक्त किया गया था। इस नियुक्ति के दौरान जारी बयान में कहा गया था कि त्यागी के संगठनात्मक अनुभव का लाभ उठाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का विशेष सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया था। हालांकि, अब निजी कारणों से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी को नए सिरे से अपनी नीतियों और रणनीतियों को संवारने का अवसर मिलेगा।इस परिवर्तन के साथ, जद(यू) अपने सहयोगी दल भाजपा के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और अधिक समन्वय स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। राजीव रंजन प्रसाद की नियुक्ति से पार्टी को उम्मीद है कि वह एक स्थिर और सकारात्मक संवाद स्थापित कर सकेंगे, जिससे पार्टी के आंतरिक और बाह्य दोनों संबंधों में सुधार हो सकेगा।