मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना में ‘बिहार खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता’ का उद्घाटन किया। यह प्रतियोगिता राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य में खेल संस्कृति का विकास करना और प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान करना है। उद्घाटन समारोह पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित हुआ, जहां मुख्यमंत्री ने बिहार खेल छात्रवृत्ति योजना के तहत पांच उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 20-20 लाख रुपये की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर खिलाड़ियों के बीच खेल किट भी वितरित की और कहा कि यह योजना राज्य में खेलों को एक नई दिशा देगी। ‘बिहार खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता’ के माध्यम से राज्यभर के स्कूली छात्रों और स्कूल से बाहर के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पहचानने का लक्ष्य है। इन खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए जाएंगे ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल कर सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रतियोगिता का उद्देश्य वर्ष 2032 और 2036 के ओलंपिक खेलों में राज्य और देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को तैयार करना है।
इस प्रतियोगिता में लगभग 40,000 सरकारी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के करीब 60 लाख खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है। इसके साथ ही, स्कूल से बाहर के खिलाड़ी भी प्रतियोगिता में शामिल हो सकेंगे। प्रतियोगिता का आयोजन प्रखंड स्तर, जिला स्तर, प्रमंडल स्तर और राज्य स्तर पर किया जाएगा। इसमें एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल और वॉलीबॉल जैसे खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
प्रतियोगिता 14 वर्ष और 16 वर्ष से कम आयु वर्ग के बालक और बालिका खिलाड़ियों के लिए होगी। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, खेल विभाग, शिक्षा विभाग, एससीईआरटी और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा संयुक्त रूप से इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों को पदक, ई-प्रमाणपत्र और कुल 10 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के माध्यम से न केवल खेल प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा, बल्कि उन्हें बेहतर अवसर और संसाधन भी दिए जाएंगे, जिससे वे भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।