नई दिल्ली, 23 दिसंबर। नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को बिहार @2047 विजन कॉन्क्लेव (Bihar @2047 Vision Conclave) का आयोजन हुआ। इसमें शिक्षा, रोजगार, कृषि और स्वास्थ्य जैसे विभिन्न मुद्दे पर पैनल डिस्कशन में बिहार से जुड़े बुद्धिजीवियों ने अपनी राय रखी। लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान के तहत आयोजित इस कॉन्क्लेव का मुख्य लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनाने में बिहार के योगदान को बढ़ाना है। साथ ही एक ऐसे विकसित बिहार की स्थापना है, जिसमें शिक्षा, रोजगार अथवा स्वास्थ्य के लिए किसी को बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े।
2047 तक विकसित बिहार का संकल्प
बिहार विजन कॉन्क्लेव 2047 (Bihar @2047 Vision Conclave) के अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित बिहारवासियों को संबोधित करते हुए चर्चित आईपीएस विकास वैभव ने कहा कि कार्यक्रम में बिहार के तमाम ऐसे बुद्धिजीवी तथा उद्यमी व्यक्ति सम्मिलित हुए हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में महारथ हासिल किए हुए हैं। बिहार 2047 तक विकसित राज्य बने, इसके लिए आवश्यकता होगी कि जाति, संप्रदाय, लिंगभेद आदि लघुवादों से परे उठकर सभी शिक्षा, समता और उद्यमिता के विकास हेतु योगदान करें।
बिहार में उद्यमिता क्रांति की आवश्यकता
बिहार में युवाशक्ति के सामर्थ्य की बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 30 वर्ष से कम आयु वर्ग के 9 करोड़ युवा हैं। इन्हें अगले दो दशकों में बिहार में ही उत्कृष्ट शिक्षा तथा उचित रोजगार की आवश्यकता होगी। इसके लिए उद्यमिता की क्रांति आवश्यक है।
5 वर्षों में 5 सफल स्टार्टअप का लक्ष्य
उन्होने अभियान (Bihar @2047 Vision Conclave) के माध्यम से बिहार के हर जिले में अगले 5 वर्षों में युवाओं द्वारा ऐसे 5 सफल स्टार्टअप के विकास का लक्ष्य दिया, जिनमें 100 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिल सके। ऐसे स्टार्टअप से ही अन्य प्रेरित होंगे और एक चेन बनेगा जो बिहार में उद्यमिता की क्रांति का प्रारंभ करेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार का प्रमुख लक्ष्य उद्यमिता का विकास होना चाहिए, जिससे बिहार में नए स्टार्टअप के माध्यम से प्रदेश में रोजगार सृजन हो सके। उन्होंने सभी उद्यमियों से प्रदेश में उद्यम लगाने का आह्वान करते हुए करते हुए बिहार को 2047 तक पूर्ण विकसित बनाने में योगदान देने का आग्रह किया।
वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया
इस मौके पर आलोक रंजन ने अभियान (Bihar @2047 Vision Conclave) का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले ढाई वर्षों से बिहार में प्रदेश के प्रबुद्धजनों के आंशिक सहभागिता एवं विकास वैभव जैसे लोकप्रिय आईपीएस के आह्वान पर नव बिहार को संकल्पित एक सामाजिक अभियान चल रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षा समता एवं उद्यमिता के क्षेत्र में सामूहिक परिवर्तन लाना है।
वड़ोदरा अध्याय के संयोजक श्री मोहन कुमार झा और दिल्ली अध्याय के श्री इंद्र मोहन यादव एवं अनिल कुमार, रविन्द्र सिन्हा के संयोजन से कार्यक्रम का सफल आयोजन संभव हो पाया। ब्रिगेडियर श्री ए के सिंह, हास्य कवि शंभु शिखर, मौलाना कल्बे रुशैद रिजवी, श्रीमती सोनम मिश्रा, श्री नीरेन आनंद, श्री अमित ठाकुर, श्रीमति सिंगधा श्रीवास्तव, श्री अनिल कुमार झा, श्री इन्द्रमोहन यादव, आदि विशिष्ट अतिथियों की मंच पर उपस्थिति रही।
बिहार की राजनीति में हलचल
गौरतलब है कि बीते दिनों 10 दिसम्बर को बेगुसराय के जी डी कॉलेज के मैदान में ‘लेट्स इन्सपायर बिहार’ अभियान के अंतर्गत प्रथम वृहद जन संवाद ‘नमस्ते बिहार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें हजारो लोगों की भीड़ उमड़ी। यह कोई धार्मिक उत्सव नहीं था, न ही कोई राजनीतिक रैली थी, बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में लोगों के रैली में शामिल होने से बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
आईपीएस विकास वैभव ने साल 2021 में 22 मार्च को ‘लेटस इंस्पायर बिहार’ अभियान की शुरुआत की थी। वे बताते हैं कि पिछले ढाई सालों में 35 जिलों में ‘युवा संवाद’ हुए है। 75 हजार लोग व्हाट्सप ग्रुप्स के माध्यम से इस अभियान से जुड़े है। इस अभियान तहत एक हजार से अधिक कार्यक्रम हो चुके हैं।
इन मुख्य विषयों पर पैनल चर्चाएं हुईं
1. बिहार IT/सोफ्टवेयर तथा मैनुफैक्चरिंग हब कैसे बने
2. फार्मेसी, शिक्षा तथा कास्मेटिक क्षेत्र में संभावनाएं
3. युवाओं का स्किल डेवलपमेंट तथा रोजगार सृजन
4. एमएसएमई
5. उद्यमिता के लिए इनक्यूबेशन सेंटर की आवश्यकता
6. कृषकों के लिए योजनाएं
7. SIDBI, NABARD, बैंकिंग संस्थानों द्वारा निवेशकों के लिए उचित वातावरण का निर्माण
8. उत्तर बिहार में बाढ़ नियंत्रण हेतु विचार
9. ग्रामीण शिक्षा का विकास
10. पर्यटन का विकास