महाराष्ट्र की राजनीति के एक प्रमुख चेहरा रहे बाबा सिद्दीकी, जिनका असली नाम जियाउद्दीन सिद्दीकी था, का राजनीति और समाजसेवा में लंबा और सफल करियर रहा है। उन्होंने तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा में बांद्रा पश्चिम से विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किया और एक बार महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में भी कार्य किया। फरवरी 2024 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद, वह एनसीपी में शामिल हो गए थे।
1977 कांग्रेस से की राजनीति की शुरुआत
बाबा सिद्दीकी ने 1977 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने 1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में काम किया और 1988 में मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 1992 में वह मुंबई नगर निगम के नगर पार्षद चुने गए और फिर 1999 में पहली बार बांद्रा पश्चिम से विधायक बने। इसके बाद वह 2004 और 2009 में भी उसी क्षेत्र से निर्वाचित हुए।
मंत्री और एमएचएडीए के अध्यक्ष पद पर कार्यकाल
2004 से 2008 के बीच बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, एफडीए और उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री रहे। इसके अलावा, वह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचएडीए) के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष पद पर भी रहे। इस दौरान उन्होंने बांद्रा-खार में एक इको-गार्डन के निर्माण में भी योगदान दिया।
कांग्रेस से इस्तीफा और एनसीपी में शामिल होना
लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले, बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और एनसीपी में शामिल हो गए। इस्तीफे के बाद, उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं किशोरावस्था में कांग्रेस से जुड़ा था और बीते 48 साल की यह यात्रा बेहद अहम रही। आज मैं तुरंत प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।” उनके इस्तीफे के बाद, कांग्रेस ने उनके बेटे, जीशान सिद्दीकी, जो बांद्रा पूर्व से विधायक हैं, को मुंबई युवा कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया था।
इफ्तार पार्टियों में शिरकत करने वाली हस्तियां
बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टियों को लेकर भी वे काफी प्रसिद्ध थे। हर साल उनकी पार्टियों में बॉलीवुड के बड़े सितारे और समाज के जाने-माने लोग शिरकत करते थे। उनकी इफ्तार पार्टी ने सलमान खान और शाहरुख खान के बीच दोस्ती को फिर से मजबूत किया था। बाबा सिद्दीकी का सलमान खान से गहरा जुड़ाव था, और वे अक्सर समाजसेवा के कार्यों में सलमान के साथ नजर आते थे। बाबा सिद्दीकी का जीवन एक ऐसी राजनीतिक और सामाजिक यात्रा थी, जिसने उन्हें न सिर्फ एक प्रभावशाली नेता बल्कि एक समाजसेवी के रूप में भी पहचान दिलाई। उनका परिवार, खासकर उनके बेटे जीशान सिद्दीकी, राजनीति में सक्रिय है और उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा है।