गौतम अडानी समूह की पावर ट्रांसमिशन कंपनी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल), को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से एक नोटिस प्राप्त हुआ है। इस नोटिस में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने कुछ निवेशकों को गलत तरीके से सार्वजनिक शेयरधारकों के रूप में वर्गीकृत किया है। एईएसएल ने अपनी दूसरी तिमाही के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह संबंधित नियामक और कानूनी अधिकारियों को आवश्यक जानकारी और स्पष्टीकरण प्रदान करेगी। इस बीच, समूह की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, को सेबी से कोई नया नोटिस नहीं मिला है।
कंपनी का बयान
कंपनी ने कहा कि उन्हें एक कारण बताओ नोटिस (एससीएन) मिला है, जिसमें आरोप है कि कुछ पक्षों की शेयरधारिता को गलत तरीके से सार्वजनिक शेयरधारिता के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एईएसएल ने कहा कि वह समय-समय पर जानकारी, प्रतिक्रिया, दस्तावेज और स्पष्टीकरण देकर नियामक प्राधिकरणों को उत्तर देगी। सेबी के नियमों के अनुसार, किसी सूचीबद्ध कंपनी में कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक निवेशकों के पास होनी चाहिए।
गौरतलब है कि अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से सात को 31 मार्च को समाप्त तिमाही में संबंद्ध पक्ष लेनदेन के कथित उल्लंघन और सूचीबद्धता नियमों का पालन न करने के कारण सेबी से कारण बताओ नोटिस मिला था।
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का प्रदर्शन
इस बीच, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा करीब तीन गुना बढ़कर 773.39 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में मुनाफा 284.09 करोड़ रुपये रहा था।
अडानी ग्रीन एनर्जी की वृद्धि
अडानी ग्रीन एनर्जी ने भी अपनी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। इस तिमाही में कंपनी का लाभ सालाना आधार पर 39 प्रतिशत बढ़कर 515 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वर्ष इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 371 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल आय सितंबर 2024 में समाप्त तिमाही में बढ़कर 3,376 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले यह 2,589 करोड़ रुपये थी।