भारतीय शेयर बाजार ने 2024 की शुरुआत के बाद से अपना सबसे खराब नुकसान देखा है। यह नुकसान मुख्य रूप से कॉर्पोरेट की निराशाजनक तिमाही आय, महंगाई की चिंताओं और चीन में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों के बाजार से बाहर निकलने के कारण हुआ है। अक्टूबर के चौथे सप्ताह में, निवेशक बाजार के प्रमुख ट्रिगर्स पर नजर रखेंगे, जिनमें जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे, मध्य-पूर्व का भू-राजनीतिक तनाव, विदेशी फंड का बहिर्वाह, कच्चे तेल की कीमतें और वैश्विक तथा घरेलू मैक्रोइकोनॉमिक डेटा शामिल हैं।
इस सप्ताह, HCL टेक्नोलॉजीज, L&T टेक्नोलॉजी सर्विसेज और डालमिया भारत जैसी कई प्रमुख कंपनियों के कॉर्पोरेट एक्शन शेयर सोमवार से एक्स-डिविडेंड ट्रेड के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, कुछ स्टॉक एक्स-बोनस और एक्स-राइट्स का भी व्यापार करेंगे।
निफ्टी और सेंसेक्स की गिरावट
भारतीय शेयर बाजार ने लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट का सामना किया। निफ्टी 50 अगस्त के बाद के अपने सबसे कमजोर स्तर पर 24,854 पर बंद हुआ, जो पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग 0.50 प्रतिशत कम था। वहीं, सेंसेक्स 81,224.75 पर बंद हुआ, जो लगभग 0.20 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।
विदेशी निवेशकों की मंशा
सम्पूर्ण सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने भारत से धन निकाला, क्योंकि उन्होंने चीन पर ध्यान केंद्रित किया। भारतीय सूचकांकों में कमजोरी का कारण इंडेक्स हैवीवेट और रिटेल मुद्रास्फीति के आंकड़े थे, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दर में कटौती में देरी की उम्मीद बढ़ गई थी। भारत में खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में 3.65 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.49 प्रतिशत हो गई, जो दलाल स्ट्रीट के पांच प्रतिशत के अनुमान से ऊपर है। यह वर्ष की शुरुआत से अब तक की सबसे अधिक मुद्रास्फीति दर है, जो आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य से भी अधिक है।
फिच ने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारत के मुकाबले चीन की ओर निवेश की रणनीतियां अल्पावधि में समर्थन कर सकती हैं। हालांकि, घरेलू बाजार के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है।”
आगामी सप्ताह का महत्व
यह सप्ताह घरेलू और तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि निवेशक कॉर्पोरेट परिणामों, वैश्विक बाजारों और व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर ध्यान देंगे। एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा और अन्य कंपनियों के शेयर सोमवार को फोकस में रहेंगे, क्योंकि इन कंपनियों ने अपने तिमाही परिणाम घोषित किए हैं।
नतीजों पर नजर
कई कंज्यूमर स्टेपल्स, एफएमसीजी, ऑटो और बैंकिंग कंपनियां आने वाले हफ्ते में अपने नतीजे घोषित करेंगी। सबसे पहले, निवेशक एचडीएफसी बैंक और कोटक बैंक जैसे बैंकिंग दिग्गजों के परिणामों पर ध्यान देंगे। बाद में आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, बीपीसीएल, एचपीसीएल और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियां भी अपने तिमाही नतीजे जारी करेंगी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI)
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अकेले अक्टूबर 2024 में ₹77,701 करोड़ से अधिक के शेयर बेचे हैं, जो कि घरेलू स्टॉक मार्केट से अब तक का सबसे बड़ा मासिक बहिर्वाह है।
निवेशकों की रणनीति
दलाल स्ट्रीट के विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक निकट भविष्य में सतर्क रुख अपनाने की संभावना रखते हैं और धीरे-धीरे लार्ज-कैप शेयरों को जमा करने से पहले बाजार की स्थिरता का इंतजार करेंगे, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो एफआईआई बिकवाली से प्रभावित हैं।
वैश्विक संकेत
अमेरिकी बाजारों ने सप्ताह को हरे रंग में समाप्त किया, जहां ऑल टाइम हाई 43,325 पर बंद हुआ, जबकि यूके के बाजारों ने भी सकारात्मक क्षेत्र में समाप्त किया। अमेरिकी कोर रिटेल सेल्स सितंबर में बढ़कर 0.5 फीसदी हो गई, जो अगस्त में 0.2 फीसदी थी।