वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फरवरी में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट पेश करेंगी। चूंकि इस वर्ष बिहार सहित कुछ बड़े और अहम राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, ऐसे उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार आम लोगों को कुछ राहत देने की कोशिश करेगी। इस बजट में वित्त मंत्री कुछ महत्वपूर्ण बदलाव कर सकती हैं, जिससे करदाताओं को राहत मिल सकती है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इस बार की आयकर व्यवस्था में बदलाव करते हुए नई इनकम टैक्स रिजीम के तहत छूट की सीमा सात लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो 10.5 लाख रुपये तक की आय सीधे तौर पर आयकर के दायरे से बाहर हो जाएगी, क्योंकि करदाताओं को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। इसे लागू करने के लिए सरकार फाइनेंस बिल में बदलाव कर सकती है।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक, इस बार आयकर के दायरे में वृद्धि की संभावना है, जिसका उद्देश्य मध्यम वर्ग को कर लाभ देना है। बजट, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत पेश किया जाता है, जिसमें सरकार के आमदनी और खर्चों का विवरण होता है। केंद्रीय बजट का उद्देश्य सामाजिक न्याय, समानता, और देश के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है। सरकार इस बजट के माध्यम से संसाधनों का तर्कसंगत आवंटन करती है। चूंकि इस वर्ष आम चुनाव हो रहे हैं, सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी, जबकि चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी।