वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रोजगार सृजन को सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दा बताते हुए, विश्व बैंक से आग्रह किया कि वह रोजगार सृजन में प्राथमिकता वाले कौशल क्षेत्रों की पहचान के लिए देशों के साथ सहयोग करे। सीतारमण ने ‘विश्व बैंक को अपनी भविष्य की रणनीतिक दिशा कैसे तय करनी चाहिए और उभरते मेगाट्रेंड के साथ तालमेल बिठाते हुए अधिक नौकरियां सृजित करने में कैसे मदद करनी चाहिए’ विषय पर चर्चा में भाग लिया।
वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर बताया कि सीतारमण ने जोर देकर कहा कि निरंतर आर्थिक चुनौतियों और तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य के चलते नौकरियां आज के समय की सबसे बड़ी वैश्विक समस्या बन गई हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए नौकरी के बाजार में प्रवेश के लिए आवश्यक कौशल को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है।
सीतारमण ने उल्लेख किया कि विश्व बैंक ने पहले भी क्षेत्रीय रुझानों और उनके रोजगार पर प्रभावों पर अध्ययन किए हैं, जिनमें ‘हरित नौकरियां’, कृत्रिम मेधा का प्रभाव, और जनसंख्या में हो रहे बदलावों के कारण उत्पन्न चुनौतियाँ शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि अब अधिक व्यापक और बहु-क्षेत्रीय विश्लेषण की आवश्यकता है, जिसमें उभरते रुझानों का आपस में संबंध और नौकरी सृजन व समाप्ति दोनों पर उनके प्रभाव का आकलन किया जाए।
वित्त मंत्री ने विश्व बैंक से अनुरोध किया कि वह डेटा, विश्लेषण और ज्ञान कार्य के आधार पर उच्च प्राथमिकता वाले कौशल क्षेत्रों की पहचान करने में देशों के साथ मिलकर काम करे, जिससे रोजगार सृजन, कौशल मिलान और श्रम स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
वर्तमान में सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए वाशिंगटन में हैं। इसके साथ ही उन्होंने ब्रिटेन की चांसलर ऑफ एक्सचेकर रेचल रीव्स के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें दोनों नेताओं ने आपसी मुद्दों पर चर्चा की। सीतारमण ने कहा कि भारत अगले साल की पहली छमाही में लंदन में होने वाली आर्थिक और वित्तीय वार्ता का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उन्होंने रेचल रीव्स को उनके आगामी बजट के लिए शुभकामनाएं दीं, जो चुनाव के बाद अगले सप्ताह पेश किया जाएगा।