सुपरटेक लिमिटेड के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में पैसा लगा चुके खरीदारों के लिए एक राहत की खबर आई है। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी को सुपरटेक लिमिटेड की 16 आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत लगभग 9,500 करोड़ रुपये है। यह कदम हजारों मकान खरीदारों के लिए राहत लेकर आया है।
एनसीएलएटी ने एनबीसीसी को निर्देश दिया कि वह इन 16 परियोजनाओं के लिए 31 मार्च, 2025 तक काम आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू करे और एक महीने के भीतर अनुबंध जारी करे। इसके बाद, 1 मई, 2025 से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इन परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और कर्नाटक में कुल 49,748 मकान शामिल हैं।
इसके अलावा, एनसीएलएटी ने एक शीर्ष समिति (एपेक्स कोर्ट कमेटी) और हर परियोजना के लिए अलग-अलग समिति (कोर्ट कमेटी) बनाने का निर्देश भी दिया है। एनबीसीसी को इन समितियों में से प्रत्येक के लिए एक सदस्य नामांकित करना होगा। न्यायाधिकरण ने कहा कि इन समितियों का कामकाज की शर्तें और तौर-तरीकों को जल्द ही वेबसाइट पर डाला जाएगा।
एनसीएलएटी ने यह भी कहा कि परियोजना से जुड़ी अतिरिक्त राशि को एक परियोजना से दूसरी परियोजना में स्थानांतरित किया जा सकता है। हर परियोजना के लिए अलग खाता रखने का आदेश दिया गया है, जिसमें संबंधित परियोजना से प्राप्तियां जमा की जाएंगी। इस खाते से केवल शीर्ष समिति या संबंधित परियोजना की समिति की मंजूरी से ही राशि निकाली जा सकेगी।
एनबीसीसी ने अपनी जानकारी में बताया कि उसे बिना किसी देनदारी के सुपरटेक की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है। कंपनी ने कहा कि वह तीन साल के भीतर इन परियोजनाओं को पूरा करेगी। एनबीसीसी पहले ही आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं को भी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पूरा कर रही है।
सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही मार्च 2022 में शुरू हुई थी, जब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के आवेदन पर एनसीएलटी ने सुपरटेक के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।