मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मुख्य शूटर शिव कुमार उर्फ शिवा को रविवार को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के नानपारा से चार अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और मुंबई पुलिस के संयुक्त अभियान का नतीजा माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, शिव कुमार ने ही बाबा सिद्दीकी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद शिवा अपनी पिस्टल फेंककर फरार हो गया था, जबकि दो अन्य शूटरों को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
हैंडलर्स से मिला था समर्थन
पुलिस के अनुसार, शिव कुमार ने पूछताछ में कबूल किया है कि वह महाराष्ट्र का शुभम लोनकर और जालंधर निवासी मोहम्मद यासीन अख्तर द्वारा संचालित किया जा रहा था। ये दोनों उनके हैंडलर्स के रूप में काम कर रहे थे और इन्हीं लोगों ने शिवा और उसके साथियों को बाबा सिद्दीकी की लोकेशन, हथियार और अन्य जरूरी जानकारी मुहैया कराई थी। एसटीएफ और मुंबई पुलिस के संयुक्त प्रयास से इस साजिश का पर्दाफाश हुआ।
शिव कुमार ने यह भी बताया कि शुभम लोनकर और वह पुणे में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। शुभम का संबंध कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बताया जा रहा है, जो उसे अपनी साजिश के लिए इस्तेमाल करता था। शुभम ने शिव कुमार की लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से स्नैपचैट के जरिए बातचीत भी कराई थी, ताकि उसे आश्वासन और सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा सके।
हत्या के बाद था 10 लाख का वादा
शिव कुमार ने पुलिस को बताया कि उसे बाबा सिद्दीकी की हत्या के बदले 10 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। साथ ही हर महीने अतिरिक्त राशि भी मिलनी थी। इस वारदात के बाद उनके आपसी संवाद के लिए नये सिम कार्ड और मोबाइल फोन भी दिए गए थे ताकि ट्रैकिंग से बचा जा सके।
12 अक्तूबर की रात को की गई हत्या
शिवा ने खुलासा किया कि हत्या से पहले वह और उसके साथी बाबा सिद्दीकी की लगातार रेकी कर रहे थे। 12 अक्तूबर की रात उन्हें सही मौका मिला और त्योहार के कारण हो रही भीड़भाड़ का फायदा उठाते हुए उन्होंने बाबा सिद्दीकी पर गोलियां बरसा दीं। घटना के तुरंत बाद, मौके पर दो शूटरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन शिवा वहां से फरार होने में कामयाब हो गया। उसने मुंबई छोड़ने से पहले अपना फोन भी रास्ते में फेंक दिया और फिर मुंबई से पूना और झांसी होते हुए लखनऊ के रास्ते बहराइच आ गया।
नेपाल भागने की योजना में था शिवा
गिरफ्तारी से बचने के लिए शिवा लगातार अलग-अलग स्थानों पर ठिकाना बदलता रहा। उसने बताया कि रास्ते में अपने साथियों और हैंडलर्स से किसी अन्य का फोन मांग कर बातचीत करता था ताकि उसका व्यक्तिगत फोन ट्रेस न हो सके। शिवा ने स्वीकार किया कि बहराइच पहुंचने के बाद वह अपने साथियों के साथ नेपाल भागने की फिराक में था। उसके एक साथी अनुराग कश्यप ने उसे भरोसा दिलाया था कि नेपाल में एक सुरक्षित ठिकाने का इंतजाम हो चुका है।
पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार
एसटीएफ और मुंबई पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत बहराइच के नानपारा क्षेत्र में ऑपरेशन चलाकर शिव कुमार और उसके चार साथियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। इस ऑपरेशन में पुलिस ने आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया और स्थानीय जानकारी का लाभ उठाया। यह गिरफ्तारी महाराष्ट्र पुलिस के लिए बड़ी सफलता है, क्योंकि यह हत्या एक प्रमुख राजनेता पर हुए हमले का परिणाम थी और इससे अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे थे।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कनेक्शन
इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का जुड़ाव एक महत्वपूर्ण पहलू बनकर उभरा है। शुभम लोनकर, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करता था, ने इस हत्या की साजिश में अहम भूमिका निभाई। उसके संपर्क से शिव कुमार ने खुद को सुरक्षा और आर्थिक सहायता की उम्मीद के साथ इस अपराध में शामिल किया। बिश्नोई गैंग द्वारा भारतीय राजनेताओं और व्यवसायियों को निशाना बनाने की घटनाएं हाल के वर्षों में बढ़ी हैं, और इस गिरफ्तारी ने उनके संगठित अपराध के जाल को उजागर किया है।
आगे की जांच
मुंबई पुलिस और एसटीएफ इस मामले में और भी गहनता से जांच कर रहे हैं। शिव कुमार और उसके साथियों से पूछताछ में कई अन्य महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं जो इस साजिश को अंजाम देने में शामिल लोगों की विस्तृत जानकारी देंगे।
बहराइच में इस गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने राहत की सांस ली है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में सनसनी फैल गई थी, और यह मामला राजनेताओं की सुरक्षा पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न बन गया था। शिव कुमार की गिरफ्तारी से अब महाराष्ट्र पुलिस को उम्मीद है कि इस घटना से जुड़े अन्य अपराधियों और साजिशकर्ताओं तक भी जल्द पहुंचा जा सकेगा, जिससे समाज में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा।