उत्तर प्रदेश निवासी और बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत अतुल सुभाष की आत्महत्या (Bengaluru techie suicide) के मामले में उनकी पत्नी और परिजनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अतुल सुभाष ने आत्महत्या (Bengaluru techie suicide) करने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा और डेढ़ घंटे का वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने अपनी शादी के बाद उत्पन्न तनाव, अपने खिलाफ दर्ज मामलों और कथित उत्पीड़न का विस्तृत विवरण दिया। सुभाष का शव मंजूनाथ लेआउट स्थित उनके घर पर फंदे से लटका मिला। उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी हुई थी, जिसमें लिखा था, “न्याय मिलना बाकी है।”
वीडियो में सुभाष ने कहा, “मुझे आत्महत्या (Bengaluru techie suicide) करनी चाहिए क्योंकि मैं जो भी कमा रहा हूं, वह मेरे दुश्मनों को मजबूत कर रहा है। उन्हीं रुपयों का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है। न्यायालय और पुलिस व्यवस्था मुझे और मेरे परिवार को परेशान कर रही है।” उन्होंने अपने परिजनों से अपील की कि उनकी मौत के बाद पत्नी और उसके परिवार को उनके शव के पास न आने दिया जाए।
सुभाष ने यह भी अनुरोध किया कि जब तक कथित उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिलती, तब तक उनकी अस्थियों का विसर्जन न किया जाए। उन्होंने कहा, “यदि दोषियों को सजा नहीं मिलती, तो मेरी अस्थियां अदालत के बाहर नाले में फेंक दें।”
पुलिस ने सुभाष के परिजनों की शिकायत पर उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सुभाष का अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक तनाव चल रहा था। उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में मामला दर्ज कराया था।
सुसाइड नोट और वीडियो में सुभाष ने बताया कि उन्होंने 2019 में शादी की थी और 2020 में एक बेटे का पिता बने। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और उसके परिजन बार-बार उनसे धन की मांग करते थे। जब उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उनकी पत्नी 2021 में बेटे को लेकर घर छोड़कर चली गई।
सुभाष ने सुसाइड नोट में अपील की कि उनके बच्चे की परवरिश उनके माता-पिता के जिम्मे सौंपी जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी गुजारा भत्ता के पैसे का इस्तेमाल बच्चे के कल्याण के बजाय उन्हें और उनके परिवार को परेशान करने के लिए कर रही है।
पुलिस ने कहा कि सुभाष ने अपना सुसाइड नोट ईमेल और व्हॉट्सऐप समूहों पर साझा किया था। मामले की जांच जारी है।