झारखंड के वन क्षेत्र में पुलिस ने 2013 में दिल्ली के तिलक नगर में संपत्ति विवाद के चलते हुई हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब 50 वर्षीय राजू बनारसी उर्फ राजू सिंह उर्फ मृत्युंजय सिंह पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने कई महीनों की मेहनत की।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) एस.के. सैन के अनुसार, जितेंद्र लांबा की हत्या में बनारसी सहित छह लोगों का हाथ था। लांबा के सगे भाई राजेश सिंह लांबा ने हत्या के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी दी थी। पहले ही पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे, लेकिन बनारसी लंबे समय से फरार था, जिसके चलते अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था और उसकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का इनाम रखा गया था।
सैन ने कहा, “हमारी टीम ने कई असफल प्रयासों के बावजूद हार नहीं मानी। हमने गिरफ्तार आरोपियों और उनके संपर्कों के सैकड़ों मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया, जिसके बाद एक दूर के रिश्तेदार का फोन झारखंड में सक्रिय पाया गया।” उस नंबर की लोकेशन छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर वन क्षेत्रों में दिखाई दे रही थी।
टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थानीय श्रमिकों की मदद से जंगल में प्रवेश किया, जहां बनारसी को छिपना मुश्किल था। सूत्रों के साथ संपर्क साधने के बाद, टीम ने एक रणनीतिक जाल बिछाया और अंततः बनारसी को पकड़ लिया, जो उस समय वन क्षेत्र में एक ट्रक चला रहा था। पुलिस ने बताया कि बनारसी अपने रिश्तेदार की मदद से जंगल में रह रहा था।
यह गिरफ्तारी 11 साल बाद हुई है और यह साबित करती है कि पुलिस की मेहनत और समर्पण किसी भी मुश्किल मामले को सुलझाने में सक्षम हैं।