आइफेक्स में कला प्रदर्शनी का हुआ भव्य उद्घाटन
पंकज तिवारी, नई दिल्ली
कला मानवीय भावनाओं को उजागर करने का माध्यम तो है ही, लोगों को खुशहाल परिस्थितियों तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है। लगातार कई वर्षों से कला की दुनिया में कुछ विशेष करने की चाह लिए विमला आर्ट फोरम निरंतर सृजनात्मक कार्य में लगा हुआ है जिसका मूल मंत्र माटी से जुड़ाव है, जहां लोक कला है, आदिवासी कला है तो समय के साथ भागती दुनिया की कला के रूप में आधुनिकता का जामा ओढ़े आधुनिक विषयों, तकनीकों से ओत-प्रोत अमूर्तन भी है, जहां पिंक आयरन के माध्यम से ऐसे कृतियों को प्रदर्शित किया गया है कि देखते बने, जिसमें संघर्ष है, प्रवाह है, उन्माद है तो रंगों का स्वतंत्र, स्वच्छंद संयोजन भी है। आजाद रेखाओं का फलक पर विचरण की कहानी है, विंदुओं के सहगामी आचरण को दर्शाने का प्रयास भी है।
पिंक आयरन का ये तीसरा संस्करण है तो वहीं माटी का दूसरा, जो विमला आर्ट फोरम के वार्षिक प्रदर्शन का एक माध्यम है। विमला आर्ट फोरम जहां कृतियों के सृजन को कलाकार तैयार होते हैं, नये और सीखने वाले बच्चे धीरे-धीरे गम्भीर स्ट्रोक्स, हुनर के जानकार बनते हैं, जहां समय-समय पर तमाम ऐसे और भी कार्यक्रम किए जाते हैं जो उनके मनोबल और इच्छाशक्ति को बलवती बनाती है।
वरिष्ठ एवं नये कलाकारों के बीच का संगम स्थल भी बना हुआ है विमला आर्ट फोरम, जो गुड़गांव में है और जिसके द्वारा आयोजित ये प्रदर्शनी ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट सोसायटी में आयोजित हुई है। कलाकार दिलीप शर्मा जो विमला आर्ट फोरम के प्रेसिडेंट, कन्वेनर भी हैं तथा आर्ट फोरम के फाउंडर, ट्रस्टी कंचन मेहरा दोनों के अथक प्रयासों से आज ये संस्था कला के नये-नये प्रतिमान गढ़ रही है। बहुत ही कम समय में विमला आर्ट फोरम ने लाजवाब प्रदर्शन किया है। फिलहाल इस प्रदर्शनी को क्युरेट किया है चित्रकार एवं समीक्षक जय प्रकाश त्रिपाठी जी ने।
आइफेक्स के विशाल हाॅल में प्रवेश करते ही बांए तरफ वाले दीर्घा में आपकी मुलाकात माटी II से तथा दांए दीर्घा में पिंक आयरन III से होगी। जहां रंगों-रेखाओं का सामूहिक प्रदर्शन है। पिंक आयरन प्रदर्शनी में अभिलाषा सिंह, अदिति, दिव्या पांडे, दुर्गा तायडे, हिमाद्री गुप्ता के कृतियों में जल, प्रकृति और प्रभाविता को दर्शाता है तो वहीं खुश्बू उपाध्याय सोनी, मोनालिसा, पूर्वी शुक्ला, शशी भारती, सोनम जैन, सोनम सिकरवार, निगार, मीतू कपूर सहित और भी कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित है जबकि माटी द्वितीय में कलाकार अजीत दूबे, अशोक भौमिक, बिपिन कुमार, दिलीप शर्मा, हरेन ठाकुर, कालीचरण, कमलकांत, स्वाती साबले, विश्वनाथ, यूसुफ, भुवनेश्वर भास्कर, प्रमोद प्रकाश, पंकज तिवारी सहित करीब पैंतालीस कलाकारों के कृतियों को प्रदर्शित किया गया है,
विमला आर्ट फोरम की तरफ से आयोजित वार्षिक प्रदर्शनी में प्रदर्शित सभी कृतियों को लेकर फाउंडर, ट्रस्टी कंचन मेहरा जी की बात, उनकी खुशी इसमें जग जाहिर है।
टैलेंटेड आर्टिस्ट को लेकर, कलाकारों को लेकर उनके विचार उनके कृतियों की बाबत ही संजीदा है जबकि कलाकार दिलीप शर्मा (प्रेसिडेंट, कन्वीनर विमला आर्ट फोरम) जो एक माध्यम बने हैं, जो कृतियों को इतना बढ़िया प्लेटफार्म दिलाने में सफल हुए हैं तो साथ ही सभी आमंत्रित कलाकारों को एक साथ जोड़ने का, एक साथ लाने का भी कारण बने हैं। इतने कृतियों के संगम का सारा श्रेय उनको ही जाता है। संजीव मेहरा, चेयरपर्सन विमला आर्ट फोरम के विचार भी प्रदर्शनी को लेकर बड़े ही सुंदर है। प्रदर्शनी का उद्घाटन 28 फरवरी को डाॅ. विनोद नारायण इंदुल्कर जी के हाथों संपन्न हुआ, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि चंद्रिका जोशी जी रहीं, गेस्ट ऑफ ऑनर पद्मश्री शान्ति देवी जी रहीं। प्रदर्शनी दर्शकों हेतु 6 मार्च तक खुली रहेगी।