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कोचिंग संस्थानों पर की कार्रवाई, लगेगा 50 लाख तक का जुर्माना

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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने भ्रामक विज्ञापन वाले कोचिंग संस्थानों पर की कार्रवाई,
लगेगा 50 लाख तक का जुर्माना,
मंच ने किया कार्रवाई का स्वागत

पहले CBSE द्वारा डमी स्कूलों पर कार्रवाई और अब केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा भ्रामक विज्ञापन वाले कोचिंग संस्थानों पर की कार्रवाई से उन प्राइवेट स्कूलों व कोचिंग सेंटरों की क्वालिटी शिक्षा की पोल खुली है जिसमें वे दावा करते हैं कि उनके यहां पढाई व कोचिंग करने से छात्र आईआईटी व नीट की पढाई के लिए सलेक्ट होते हैं।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने CCPA की इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री व शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे केंद्रीय कानून बनाकर
प्राइवेट स्कूल,कॉलेज व कोचिंग सेंटरों द्वारा किए जा रहे हैं शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगा कर अभिभावकों को राहत प्रदान करें।
CCPA ने कहा है कि उसको शिकायत मिली थी कि कुछ कोचिंग संस्थान जानबूझकर सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम,पाठ्यक्रम की अवधि और उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई फीस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं। इस तरह के मामलों को रोकने के मकसद से ही ये  कार्रवाई की गयी है और सख्त गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
CCPA गाइडलाइंस में कहा गया है कि,,
-कोचिंग सेंटर उनके एंडोर्समेंट विज्ञापन और क्लेम्स की पूरी परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए,
-कोर्स से जुड़े फर्जी क्लेम, कोर्स की समय अवधि,फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम, कोर्स छोड़ने के नियम और शर्तें,सक्सेस से जुड़े गलत क्लेम,अलग अलग परीक्षाओं से जुड़े अस्पष्ट और भ्रामक क्लेम,सीट भरने वाली है जैसी False अर्जेंसी का विज्ञापन आदि ऐसे तमाम दावे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस हैं


-सक्सेसफुल बच्चों के फोटो और डाटा को इस्तेमाल कर रहे हैं तो बच्चे से लिखित कंसेंट ज़रूरी होगा
-डिस्क्लेमर को स्पष्ट रूप से दिखना जरूरी,पहली स्लाइड पर ये जानकारी देना अनिवार्य होगा
-कोचिंग सेंटर उसकी डीटेल्स, मौजूद सुविधाएं, सेफ्टी से जुड़े उपाय,वहां का माहौल और सुरक्षा,एक समय में कितने छात्र बैठने की सुविधा है आदि जानकारी देनी होगी.
-किसी आपात स्थिति में एग्ज़िट की क्या सुविधा है, क्या लोकल ऑथोरिटी से सभी जरूरी अनुमति मिली है? ये सब कुछ बताना ज़रूरी होगा.
कंज्यूमर शिकायत को डील करने और सॉल्यूशन देने के लिए सिस्टम होना जरूरी होगा.
इन गाइडलाइंस का उल्लंघन सही पाए जाने पर 1 लाख तक जुर्माना,लगातार वॉयलेशन पर 50 लाख तक जुर्माना
लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है

कैलाश शर्मा

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