मानेसर। कासन गांव की 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण के विरोध में पिछले 6 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसानों की तबीयत बिगडी देखकर किसानों का आक्रोश फूट पडा। बुधवार को मानेसर स्थित एचएसआईआईडीसी परिसर स्थित धरना स्थल पर आयोजित महापंचायत के दौरान सैकडों की संख्या में उपस्थित किसान एकाएक उठे और एचएसआईआईडीसी तथा मानेसर तहसील कार्यालय का घेराव कर दिया। हालांकि महापंचायत को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा धरना स्थल व इसके आस-पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन आक्रोशित किसानों के आगे पुलिस बेबस नजर आई। किसानों ने एचएसआईआईडीसी तथा मानेसर तहसील कार्यालय का गेट बंद कर उस पर ताला जड़ दिया और कहा कि जब तक सरकार या प्रशासन किसानों की समस्या का समाधान नहीं करती तब तक यहां ताला लगा रहेगा। इससे पूर्व महापंचायत के दौरान किसानों ने सरकार व प्रशासन को 2 बजे तक का समय दिया था जिसके बाद सरकार व प्रशासन की तरफ एडीसी हितेश कुमार मीणा धरना स्थल पर पहुंचे, लेकिन उनके जवाबों से किसान संतुष्ट नहीं हुए।
पिछले 6 दिन से आमरण अनशन पर बैठे महेंद्र पटवारी बुधवार को महापंचायत के दौरान अचानक बेहोश होकर गिर पडे। उन्हें आनन फानन में नजदीक के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत देखकर किसानों का पारा सातवें आसमान पर चढ गया और उन्होंने एचएसआईआईडीसी और तहसील कार्यालय का घेराव कर उस पर ताला जड़ दिया। इस बीच किसानो की मौके पर तैनात पुलिस बल के साथ झड़प भी हुई। पुलिस ने किसानों को एचएसआईआईडीसी और मानेसर तहसील कार्यालय का घेराव करने से रोकने का भरसक प्रयास किया लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके। हालत बिगड़ती देख प्रबुद्ध किसान नेताओं और धरना स्थल पर उपस्थित क्षेत्र की सरदारी ने आमरण अनशन पर बैठे 6 किसानों से आग्रह कर उनका अनशन तुड़वाया तथा मामले के समाधान के लिए सरकार तथा प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया। 10 दिन बाद 9 जुलाई को एक बार फिर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।
कासन की 1810 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को कई राजनीतिक दलों तथा किसान संगठनों ने अपना समर्थन दिया। बुधवार को पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, भारतीय किसान यूनियन से राकेश टिकैत, कामरेड इंद्रजीत संयुक्त किसान मोर्चा, शशि यादव जय किसान आंदोलन, जजपा नेता सूबे सिंह बोहरा, आप के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता तथा नवीन जयहिंद आदि मानेसर महापंचायत में शामिल हुए तथा किसानों की मांग का पुरजोर समर्थन किया।