नई दिल्ली। शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के तहत चार नेताओं को पार्टी से स्थायी रूप से बर्खास्त कर दिया है। पार्टी से निकाले गए इन नेताओं में दिल्ली कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी, दिल्ली कमेटी के सदस्य परमजीत सिंह खुराना, इंद्रप्रीत सिंह कोचर और गुरप्रीत सिंह खन्ना शामिल हैं। सरना ने मीडिया को जारी अपने ब्यान में इन नेताओं पर पंथ के हितों की रक्षा करने की बजाए निजी फायदे के लिए पंथ विरोधी ताकतों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है।
जायज मांगों को लेकर सरकारों
सरना ने कहा कि सिख समुदाय इस समय अपनी जायज मांगों को लेकर सरकारों से लड़ रहा है। लेकिन ये लोग सरकार के चापलूसों से गुप्त संबंध बनाकर कौम के साथ गद्दारी कर रहे थे। इन नेताओं को 2021 के दिल्ली कमेटी चुनाव में दिल्ली की संगत ने सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ वोट दिया था, लेकिन अब ये अपने वोटरों के फतवे को मजाक बनाकर सत्ताधारी पार्टी की चाकरी में लग गए थे। जबकि उनकी जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की गलतियों को सार्वजनिक करना बनता था।
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लोकतंत्र और सिख समुदाय
सरना ने कहा कि इन नेताओं का यह व्यवहार लोकतंत्र और सिख समुदाय के लिए हितकर नहीं है। लेकिन नैतिकता का पैमाना हमेशा प्रलोभनों के आगे झुकता है। इसलिए उनकी लाचारी, मजबूरी और बेकरारी को तवज्जो देते हुए पंथ के व्यापक हितों के लिए उन्हें पार्टी से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है। क्योंकि एक तरफ हम दिल्ली कमेटी के सरकार परस्त, भ्रष्ट सोच वाले, माडर्न मसंदों से सिख सिद्धांतों और कौमी संस्थानों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।
जानबूझकर कौमी हितों की रक्षा
लेकिन दूसरी ओर, ये नेता अपने व्यक्तिगत हितों के लिए जानबूझकर कौमी हितों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा कर रहे थे। अंग्रेजों के समय में हुकूमत ने हमारे गुरूधामों पर कब्जा करने के लिए मसंद खड़े किए थे, लेकिन अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में सरकार द्वारा सिखों की शक्ल वाले आधुनिक मसंद खड़े किए जा रहे हैं, ताकि गुरुद्वारों के लाउडस्पीकरों में सरकार की तारीफ़ें गूंजती रहे।
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