Thursday, December 19, 2024
8.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeDelhiकिसानों के दिल्ली मार्च से हरियाणा के संगठनों ने बनाई दूरी, SKM...

किसानों के दिल्ली मार्च से हरियाणा के संगठनों ने बनाई दूरी, SKM और किसान सभा नाराज

Google News
Google News

- Advertisement -

6 दिसंबर को प्रस्तावित किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर हरियाणा के किसान संगठनों में फूट पड़ गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान सभा ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। वहीं, हरियाणा के प्रमुख किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित अन्य नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस आंदोलन में हिस्सा नहीं लेंगे। आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ी हर जानकारी।

दिल्ली मार्च का मकसद

किसानों के इस मार्च का उद्देश्य केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी लंबित मांगों को उठाना है। इनमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी, किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी और कृषि कानूनों से जुड़े अन्य मुद्दे शामिल हैं।

हरियाणा के संगठनों ने क्यों बनाई दूरी?


हरियाणा के किसान संगठनों ने इस मार्च से दूरी बनाने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि वे फिलहाल राज्य स्तर पर अपनी समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा, “हम किसी आंदोलन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस समय हम अपनी प्राथमिकताओं पर काम कर रहे हैं।”

SKM और किसान सभा की नाराजगी

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान सभा ने हरियाणा के संगठनों के इस फैसले को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों की एकता का प्रतीक है और हरियाणा के संगठनों का अलग रहना इस एकता को कमजोर कर सकता है।

पंजाब के किसान तैयार


पंजाब के किसान संगठनों ने दिल्ली मार्च के लिए पूरी तैयारी कर ली है। कई जगहों पर किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर दिया है। पंजाब के किसान नेता इसे किसानों के अधिकारों की लड़ाई बता रहे हैं।

किसानों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया

किसानों की प्रमुख मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि कानूनों के प्रभाव को खत्म करना और किसान कल्याण योजनाओं को लागू करना शामिल है। अब देखना होगा कि सरकार इस मार्च को लेकर क्या रुख अपनाती है।


क्या होगा आगे?

हरियाणा के संगठनों के अलग रहने से आंदोलन की धार थोड़ी कमजोर हो सकती है, लेकिन पंजाब के किसान और अन्य संगठनों का समर्थन इसे एक बड़ा आंदोलन बना सकता है। अब 6 दिसंबर को इस मार्च का असर और सरकार की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Recent Comments