किसी भी प्रदेश की उन्नति का आधार वहां की सड़कें, पर्यटन और तीर्थ स्थल, उद्योगों की प्रचुरता पर निर्भर करती है। स्वाभाविक है कि यदि मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और शानदार सड़कें होंगी, तो उद्योग-धंधों का विकास होगा। पर्यटन और तीर्थ स्थल भी प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने और लोगों को रोजगार दिलाने में बहुत ज्यादा सहायक होते हैं। तीर्थ स्थल लोगों की आध्यात्मिक आस्था को संतुष्टि प्रदान करते हैं, तो इससे तीर्थाटन को बढ़ावा मिलता है। तीर्थाटन सदियों से ही ज्ञान प्राप्त करने का साधन रहा है। गुरुकुलों में शिक्षा प्राप्त करने के बाद शिष्य को कुछ साल तक तीर्थाटन करना पड़ता था, ताकि उसने गुरुकुल में जो कुछ सीखा है, उसका व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया जा सके। प्रदेश सरकार ने भी हरियाणा में पर्यटन और तीर्थाटन बढ़ाने का प्रयास कई साल पहले शुरू कर दिया था।
हरियाणा में बहुत सारे स्थल ऐसे हैं जिनको विकसित करके पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। वैसे भी हरियाणा सिंधु घाटी सभ्यता काल का मुख्य केंद्र रहा है। कई नगर अपने प्राचीन इतिहास के कारण विख्यात हैं। इसी कड़ी में पिछले दिन प्रदेश सरकार ने यमुनानगर में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। हरियाणा में वैसे तो पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है, लेकिन मनोहर लाल सरकार ने इन पर्यटन स्थलों को विकसित करने और नया रूप देने का भरपूर प्रयास किया है।
नतीजा यह हुआ कि पर्यटन की दृष्टि से यमुनानगर के कलेसर से कालका तक पहाड़ी इलाके में बहुत सी संभावनाएं पैदा हुई हैं। इनमें पैदल ट्रैकिंग और साइकिल ट्रैकिंग से लेकर मोटर साइकिल के जरिये आदिबद्री, लोहगढ़, त्रिलोकपुर देवी मंदिर तक की यात्रा का आनंद लिया जा सकता है। मोरनी हिल्स के पास टिक्करवाल क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां, जेट स्कूटर, पैरा सेल्लिंग और ट्रैकिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स की शुरुआत की गई है। इतना ही नहीं, ट्रैक, माउंटेन बाइकिंग ट्रैक और कई दूसरे तरह के एडवेंचर स्पोर्ट्स की संभावनाएं तलाशी गई हैं।
सरकार जल्दी ही इन एडवेंचर स्पोर्ट्स को शुरू करने और उन्हें लोकप्रिय बनाने की कोशिश करना शुरू कर देगी। यही नहीं, विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए व्यापक स्तर पर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी मानी जाने वाली राखी गढ़ी में म्युजियम बनाने का प्रयास हो रहा है। इस पर जल्दी ही काम शुरू होने संभावना है।
अग्रोहा में भी खुदाई की अनुमति केंद्र सरकार से मिल चुकी है। संभव है निकट भविष्य हरियाणा को एक और ऐतिहासिक स्थल मिल जाए। वैसे तो हरियाणा में ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों की भरमार है। बस जरूरत यह है कि इनको सजा संवार दिया जाए।