बलराज साहनी और दो बीघा जमीन
अशोक मिश्र
बलराज साहनी का जन्म 1 मई 1913 को रावलपिंडी में हुआ था। फिल्मों में आने से पहले उनका नाम युधिष्ठिर साहनी था। वह प्रसिद्ध लेखक भीष्म साहनी के बड़े भाई और चरित्र अभिनेता परीक्षित साहनी के पिता थे। भारतीय सिनेमा में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। वह एक कुशल अभिनेता थे। फिल्मों में उनकी सहज अदाकारी के लोग आज भी कायल हैं। काबुलीवाला, दो बीघा जमीन, गर्म हवाएं और धरती के लाल जैसी फिल्मों में उनका अभिनय देखते ही बनता है। फिल्मों में आने से पहले बलराज साहनी ने इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन के नाटक में भी काम किया था। कहा जाता है कि फिल्म या नाटक में अभिनय करने से पहले वह अपने पात्र को एकदम आत्मसात कर लेते थे। कहा जाता है कि जब फिल्म दो बीघा जमीन में उन्हें अभिनय करने का मौका दिया गया तो वह सोच में पड़ गए। फिल्म में उन्हें एक रिक्शा चालक का रोल करना था। लेकिन वह पहनावे और बोलचाल में एकदम कुलीन परिवार के लगते थे। वह सोचने लगे कि रिक्शा चालक का अभिनय वह कर पाएंगे या नहीं। सो, उन्होंने रिक्शा चालकों के उठने, बैठने, बोलने के तौर-तरीकों को सीखने का फैसला किया। कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि वह कुछ दिन रिक्शा चालकों के बीच वेष बदलकर रहे भी थे। एक दिन वह देहाती वस्त्र पहनकर पानी की एक दुकान पर पहुंचे और दुकानदार से कहा-भैया, सिगरेट का एक पैकेट तो देना। दुकानदार ने सिर उठाकर उन्हें देखा और दुत्कारते हुए कहा, जा भाग, बड़ा आया सिगरेट खरीदने वाला। उनकी जो वेषभूषा थी, उसके मुताबिक सिगरेट खरीदने की हैसियत उनकी नहीं थी। अब उन्हें विश्वास हो गया कि वह रोल कर पाएंगे।
अशोक मिश्र