थामस एल्वा एडिसन का जीवन काफी संघर्ष पूर्ण रहा। उन्होंने जीवन में कई प्रयोग किए, लेकिन ज्यादातर मामलों में उन्हें विफलता ही हाथ लगी। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। वे हर बार एक नए उत्साह के साथ अपने काम में जुट जाते थे। कहते हैं कि थामस एल्वा एडिसन एक हजार बार प्रयोग करने के बाद ही बल्ब का आविष्कार करने में सफल हो पाए थे। उनका कहना था कि कभी भी प्रयास करना बंद नहीं करना चाहिए। क्या पता जिस क्षण आपने अपना प्रयास छोड़ दिया था, उसके अगले पल ही आपको सफलता हाथ लगने वाली हो।
कहा जाता है कि बिजली का बल्ब बनाने में सफलता मिलने के कुछ दिन बाद एडिसन एक बल्ब लेकर आफिस पहुंचे और उन्होंने चपरासी को उसका परीक्षण करने को कहा। यह सुनकर चपरासी घबरा गया। उसने सोचा कि जिस बल्ब के आविष्कार से पहले एक हजार बार एडिसन को प्रयोग करने पड़े। उस बल्ब का मुझे परीक्षण करना है। यह सोचते-सोचते घबराहट में चपरासी के हाथ से बल्ब छूटा और जमीन पर गिरकर टूट गया। चपरासी भय की वजह से पसीने-पसीने हो गया। लेकिन एडिसन ने उस घटना को स्वाभाविक रूप से लिया।
कुछ दिनों बाद एक नया बल्ब लेकर आफिस पहुंचे और चपरासी से परीक्षण करने को कहा। आफिस में मौजूद एक सहयोगी ने कहा कि इसे बल्ब का परीक्षण करने को मत दीजिए। यह तोड़ देगा। एडिसन ने मुस्कुराते हुए कहा कि बल्ब तो दूसरा बन जाएगा, लेकिन इसका आत्म विश्वास चला गया, तो दोबारा नहीं लौटेगा। यह सुनकर चपरासी के मन से डर निकल गया। उसने बड़े आत्म विश्वास से बल्ब का परीक्षण किया और उसे जलाने का अनुभव हासिल किया। एडिसन अपने सहयोगियों का मनोबल हमेशा बनाए रखने में विश्वास करते थे। यही वजह है कि लोग उन्हें प्यार भी बहुत करते थे।
अशोक मिश्र