चाणक्य ने किया था नंद वंश का नाश
अशोक मिश्र
चाणक्य का जन्म संभवत: 376 ईसा पूर्व हुआ था। इनके जन्म स्थान को लेकर विद्वानों में काफी मतभेद है। कुछ लोग मानते हैं कि चाणक्य तक्षशिला के निवासी थे जो इन दिनों पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास स्थित है। कुछ लोगों का मत है कि चाणक्य का जन्म पंजाब के चणक नामक स्थान पर हुआ था जिसे आज चंडीगढ़ कहकर पुकारा जाता है। चणक में पैदा होने की वजह से चाणक्य कहलाए। कुछ लोग कहते हैं कि चाणक निषाद का पुत्र होने की वजह से चाणक्य कहलाए। कुछ विद्वान उन्हें दक्षिण भारता का मानते हैं। यह मत व्यक्त किया जाता है कि चाणक्य दक्षिण के कांचीपुरम में रहने वाले द्राविड़ ब्राह्मण थे। कुछ लोगों के अनुसार चाणक्य केरल के रहने वाले थे और वाराणसी में उनकी पुत्री खो गई थी जिसकी वजह से वह केरल नहीं लौटे और वह मगध में जाकर बस गए थे। वहीं कुछ लोग उन्हें मगध का ही मूल निवासी मानते हैं। इनके कई नाम भी बताए जाते हैं। जैसे विष्णुगुप्त, कौटिल्य, वात्स्यायन, मलंग आदि। अब इनमें से कौन सी बात सही है, कौन सी गलत, यह कह पाना बड़ा मुश्किल है। कई तरह की भ्रांतियां फैली हैं चाणक्य को लेकर। भारत में समाज व्यवस्था, राज्य व्यवस्था, व्यवहार आदि के बारे में सबसे पहली पुस्तक अर्थशास्त्र को भी इन्हीं का लिखा माना जाता है। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने ही मगध के नंद वंश के राजा धनानंद का समूल नाश इन्होंने ही चंद्रगुप्त मौर्य की सहायता से किया था। इस संबंध में कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं। चाणक्य के बारे में कहा जाता था कि वह राजधानी के बाहर एक कुटिया में रहते थे। वह सादा जीवन जीते थे। वह चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और महामंत्री थे। उन्होंने ही राजा को कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह चंद्रगुप्त मौर्य को सिखाया था।
अशोक मिश्र