Friday, November 8, 2024
25.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiभारत के 27 राज्यों के भूगर्भ जल में घुलता रासायनिक जहर

भारत के 27 राज्यों के भूगर्भ जल में घुलता रासायनिक जहर

Google News
Google News

- Advertisement -

हरियाणा और दिल्ली सहित देश के 27 राज्यों के जल में आर्सेनिक और फ्लोराइड का पाया जाना खतरे की एक चेतावनी है। यदि हालात में सुधार नहीं किया गया, तो लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, आर्सेनिकोसिस नामक बीमारी आर्सेनिक प्रदूषण की वजह से ही होती है। आर्सेनिक वाले पानी के सेवन से त्वचा में कई तरह की समस्याएं होती है। इनमें प्रमुख हैं, त्वचा से जुड़ी समस्याएं, त्वचा कैंसर, ब्लैडर, किडनी व फेफड़ों का कैंसर, पैरों की रक्त वाहनिओं से जुड़ी बीमारियों के अलावा डायबिटीज, उच्च रक्त चाप और जनन तंत्र में गड़बड़ियां।

भारतीय मानक ब्यूरो के मुताबिक इस मामले में स्वीकृत सीमा 10 पीपीबी नियत है। हालांकि वैकल्पिक स्रोतों की अनुपस्थिति में इस सीमा को 50 पीपीबी पर सुनिश्चित किया गया है। इंटरनेशनल जर्नल आॅफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1.8 से 3 करोड़ लोगों पर आर्सेनिक का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। वहीं, पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा फ्लोरोसिस को जन्म देती है।

इसका असर दांतों और हड्डियों पर पड़ता है। दांतों में पीलापन आ जाता है। शरीर के सभी अंगों एवं प्रणालियों पर प्रभाव पड़ने से स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न प्रकार की शिकायतें होती हैं। अधिक फ्लोराइड गर्दन, पीठ, कंधे व घुटनों के जोड़ों व हड्डियों को प्रभावित करता है। कैंसर, स्मरण शक्तिकमजोर होना, गुर्दे की बीमारी व बांझपन जैसी समस्या भी इससे हो सकती है।

विदेश में पानी में फ्लोराइड की मात्रा 0.5 मिलीग्राम प्रति लीटर तक सामान्य मानी जाती है, जबकि भारत में यह दर 1.0 मिलीग्राम निर्धारित है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देश के 27 राज्यों में आर्सेनिक और फ्लोराइड की बढ़ती मात्रा पर चिंता जताते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है। एनजीटी के न्यायिक सदस्य ए सेंथेल वेल की पीठ ने कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में राज्यों के भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड का मिलना गंभीर बात है।

इन विषाक्त तत्वों के प्रबंधन के लिए एनजीटी ने इन राज्यों को नोटिस जारी किया है। हरियाणा में भूजल में आर्सेनिक की मात्रा 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक वाले जिलों क संख्या 17 है, वहीं पानी में 1.5 मिलीग्राम/लीटर से अधिक फ्लोराइड की मात्रा वाले जिले 21 हैं। कहने का मतलब है कि लगभग पूरा हरियाणा आर्सेनिक और फ्लोराइड की अधिकता वाले भूगर्भ जल का उपयोग कर रहा है। यदि यही हालात रहे, तो निकट भविष्य में प्रदेशवासियों को कई तरह की बीमारियों को झेलना पड़ सकता है। एनजीटी ने इन राज्यों को नोटिस तो जारी कर दिया है, लेकिन चूंकि जल राज्यों का विषय है, तो इस मामले में कार्रवाई इन राज्यों को ही करना होगा।

-संजय मग्गू

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

होठों की ख़ूबसूरती: कैसे पाएं सॉफ्ट और आकर्षक होंठ

होठ चेहरे की सबसे आकर्षक और प्रमुख विशेषताओं में से एक हैं। ख़ूबसूरत और सॉफ्ट होंठ न सिर्फ आपके चेहरे की सुंदरता बढ़ाते हैं,...

फरीदाबाद में निजी अस्पताल को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

फरीदाबाद पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी प्रेमिका को प्रभावित करने के लिए चार दिन पहले एक निजी अस्पताल को...

पैदल चलने के फायदे: सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी

पैदल चलना, यानी साइकिल चलाना, न केवल एक मज़ेदार गतिविधि है, बल्कि यह सेहत और पर्यावरण के लिए भी बेहद फ़ायदेमंद है। पैदल चलने...

Recent Comments