जी-20 की भारी सफलता ने जहां दुनिया में भारत को विश्व गुरु बनाकर उसकी पीठ थपथपाई है वहीं चीन और पाकिस्तान को सांप सूंघ गया है। चीन भी भारत के आगे नतमस्तक हो गया। चीन जी 20 का परोक्ष रूप से विरोध करके हताश और निराश है। पूरी दुनिया ने नरेन्द्र मोदी की निपुणता पर मुहर लगा दी। चीन जहां भारत की बढ़ती ताकत से परेशान था, वहीं पाकिस्तान खिसियाई हंसी हंस रहा था। पाकिस्तान की समझ में आ गया कि भारत अब बहुत आगे निकल गया है, उससे पंगा लेना अब ठीक नहीं है। दाने दाने को मोहताज पाकिस्तान अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए जी जान से जुटा है। जी 20 में भारत ने सभी सदस्य देशों और विशेष आमंत्रित देशों को उन्नत भारत की तस्वीर दिखाई।
साथ ही साथ आतिथ्य देवोभव की कल्पना को साकार रूप दिया। अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भारत की तारीफों के पुल बांध दिए। वसुधैव कुटुम्बकम के थीम को साकार रूप दिया गया। पूरी दुनिया भारत की जी 20 की तैयारी देखकर वाह वाह कर उठी। जी-20 की भव्यता को देखकर देश के विकसित देशों ने दांतों तले उंगली दबा ली। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास ने समां बांध दिया।
दुनिया के अग्रणी नेता इस बात पर बल दे रहे थे कि मोदी रूस और यूक्रेन के युद्ध विराम के लिए कुछ करें और दुनिया को तीसरे विश्व यु्द्ध से बचाएं। मोदी ने पहले ही कह रखा है कि यु्द्ध समस्या का समाधान नहीं है। समाधान होगा तो सिर्फ बातचीत से होगा। यु्द्धरत देशों और उनके सहयोगियों को ठंडे दिमाग से यु्द्ध विराम के लिए सोचना ही पड़ेगा। यु्द्ध की विभीषिका से तबाही का मंजर साफ दिख रहा है। शहर के शहर तबाह हो रहे हैं।
सब कुछ मिट्टी में मिला जा रहा है। महंगाई और बेरोजगारी मुंह बाए खड़ी है। दुनिया के देशों को जितनी जल्दी हो समझ में आना चाहिए। अहंकार के कारण सब कुछ स्वाहा होता जा रहा है। बड़े देशों को ही नहीं, सभी देशों को सोचना चाहिए कि यु्द्ध मानवता को नष्ट कर देगा।
भारत की दुनिया में शांति की पहल से सभी देश सहमत हैं। यु्द्ध सबको नष्टकर देगा। समय रहते नहीं चेते तो बहुत देर हो चुकी होगी। भाईचारे और प्रेम सम्बंधों से ही दुनिया को बचाया जा सकता है। भारत इसके लिए तन, मन, धन से तैयार है।
दिल्ली घोषणा पत्र की कुछ खास बातें जो इसे बहुत ही महत्वपूर्ण बनाती हैं। सभी देशों ने आतंकवाद के हर रूप की आलोचना की। आतंकवाद का घोषणा पत्र में कई बार जिक्र आया। सभी देश टिकाऊ विकास पर काम करेंगे। भारत की पहल पर वन फ्यूचर एलायंस बनाया गया। एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर बल दिया गया। ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस की शुरुआत जिसके संस्थापक सदस्य भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे। एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर देंगे। सभी इस बात से सहमत थे कि धार्मिक घृणा की निंदा और उसे समाप्त किया जाए।
भारत की पहल पर अफ्रीकी यूनियन का जी 20 में शामिल होना एक बड़ी सफलता है। भारत को सभी देशों को लचीला रुख अख्तियार करने और संवेदनशील बनाने के लिए बधाई देनी चाहिए। सभी देशों के अपने अपने स्वार्थ हैं, अपना अपना भाईचारा है। ऐसे में सभी को एक विचार और एक व्यवहार के लिए तैयार करना आसान काम नहीं है। पर भारत ने यह कर दिखाया। विभिन्न विचारों और अलग अलग सोच रखने वालों को एक विचार के लिए तैयार करना वाकई एक दुष्कर काम है। यह सब सीमित समय में करना भारत के नेता ही कर सकते हैं, यह कहना अतिश्योक्ति न होगा।
रूस और यूक्रेन यु्द्ध के अलावा कुछ भी नहीं सोचते हैं। ऐसे में उन्हें सहमति के लिए करीब लाने की जी 20 की कवायद मायने रखती है। सभी जी 20 के देश शांति के प्रयासों के लिए कृत संकल्प हैं। बातचीत के जरिए अगर यु्द्ध विराम पर सोचा जा सके तो अच्छा है। दुनिया का कोई भी देश यु्द्ध के पक्ष में नहीं है।
अंशुमान खरे