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मनोहर लाल के सपनों को तोड़ते भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी

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मनोहर लाल सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। रैलियों, जनसभाओं और बैठकों में मनोहर लाल आम जनता और अधिकारियों से भ्रष्टाचार से दूर रहने की नसीहत देते हैं। जब भी बात उठती है तो राजनीतिक विरोधियों से यही कहते हैं कि उन्होंने प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त कर ली है। लेकिन उनके इस दावे को झुठला रहे हैं विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी। प्रदेश के 42 विभागों में भ्रष्टाचार पूरी तरह घर कर चुका है। पिछले दो साल में प्रदेश में 310 मामले रिश्वतखोरी के सामने आए हैं।

ये वे मामले हैं जो पकड़ में आए हैं। ऐसे हजारों मामले होंगे जिनको पकड़ने में सरकार नाकाम रही है। सरकारी विभागों में कोई भी काम बिना किसी प्रकार का लेन-देन किए शायद ही पूरा होता हो। प्रदेश के कुल 97 विभागों, निगमों और बोर्डों में अलग-अलग सेवाओं के लिए कई तरह के बहाने बनाकर पैसे लिए जाते हैं। अगर आंकड़ों के हिसाब से बात की जाए, तो सबसे ज्यादा भ्रष्ट महकमा पुलिस का है। पिछले दो साल में 70 मामले भ्रष्टाचार के सामने आए हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में सैकड़ो मामले ऐसे भी होंगे जो पकड़ में नहीं आए। देश के लगभग हर राज्य का पुलिस महकमा व्यवस्था के नाम पर दोनों हाथों से जनता को लूट रहा है। और लोग बेबसी में लुट रहे हैं।

कोई यदि इसका विरोध करता है, तो झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जाती है। कई मामले में तो वाकई फंसा दिया जाता है। किसी ने सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी कर दी, चालान के नाम पर पैसे वसूल लिए जाते हैं। हेलमेट नहीं पहना,मोटरसाइकिल पर तीन सवारी बैठी मिली, तो शुरू हो गई वसूली। किसी मामले में नई धारा जोड़ने, केस से नाम निकालने, जमानत दिलाने, दर्ज मामले में मदद करने, मामला रफा-दफा करने के नाम पर जमकर वसूली की जाती है। इन मामलों की कोई रसीद नहीं मिलती है। ये पैसे सरकारी खाते में नहीं जाते हैं।

इसमें सबका हिस्सा बंटता है। इसके बाद राजस्व विभाग का नंबर आता है। रजिस्ट्री करने, भूमि का इंतकाल करने, फर्द और रिकार्ड देने और अधिगृहीत जमीन का क्लेम जारी करने के नाम पर खूब वसूली होती है। तीसरे नंबर पर बिजली विभाग है। बढ़े हुए बिजली बिल को ठीक कराना है, तो पैसा दो। नया कनेक्शन लेना है, तो पैसे दो। यहां तक कि बिजली विभाग का छोटे से छोटा कर्मचारी तक बिना कुछ लिए-दिए अपनी जगह से हिलता डुलता तक नहीं है।

खराब मीटर की रीडिंग चेक करने और सोलर नेट मीटरिंग फाइल को पास कराने के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं। मनोहर लाल पिछले आठ नौ साल से बराबर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी उनके सपनों को पूरा नहीं होने दे रहे हैं।

संजय मग्गू

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