Monday, December 23, 2024
18.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiश्रीलंका में दिसानायके के सिर पर सजा कांटों का ताज

श्रीलंका में दिसानायके के सिर पर सजा कांटों का ताज

Google News
Google News

- Advertisement -

संजय मग्गू
अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गए हैं। दिसानायके वैचारिक धरातल पर वामपंथी हैं। जनता विमुक्ति पेरामुना के अगुआ नेता हैं। जनता विमुक्ति पेरामुना यानी जेवीपी ने पिछले दिनों नेशनल पीपुल्स पॉवर यनी एनपीपी से गठबंधन किया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस संगठन जनता विमुक्ति पेरामुना ने अतीत में भारत के खिलाफ कई बार हिंसक विरोध दर्ज कराया है, उसका रवैया अब भारत के साथ कैसा रहेगा? इस सवाल का जवाब भविष्य देगा। जेवीपी यानी जनता विमुक्ति पेरामुना अपने स्थापना काल से ही भारत विरोधी रही है। हालांकि जब से दिसानायके ने जेवीपी की बागडोर संभाली है, तब से उसके रवैये में थोड़ा बहुत बदलाव आया है। मार्क्सवादी विचारधारा से लैस जेवीपी ने 1987 से 89 तक श्रीलंका सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया था। इस विद्रोह के दौरान काफी लोगों की हत्याएं हुईं, काफी खून बहाया गया। कभी दिसानायके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के प्रबल विरोधी माने जाते थे। श्रीलंका में पिछले साल हुए जनविद्रोह में जेवीपी का भी हाथ माना जाता है। अब जब अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के राष्ट्रपति बन गए हैं, तो उनके सामने समस्याओं का हिमालय खड़ा हुआ है। सबसे पहली चुनौती तो महंगाई को कम करना है। श्रीलंका में पिछले कई सालों से खाद्यान्न समस्या ने गंभीर रूप धारण कर लिया है जिससे निपटना है। चुनाव के दौरान दिसानायके ने अपने को जिस तरह गरीबों और मध्यम वर्ग का नेता जाहिर किया है, तो अब सबसे पहले अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ-साथ गरीबों और मध्यम वर्ग को तात्कालिक रूप से राहत पहुंचाना है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का भारी भरकम 83 अरब डालर से भी अधिक का कर्ज  श्रीलंका पर चढ़ा हुआ है। उन्हें आईएमएफ से तालमेल बिठाते हुए पड़ोसी देशों से भी संबंध सुधारना होगा। जिस हालात में इन दिनों श्रीलंका है, उसको देखते हुए यही उम्मीद की जाती है कि वे अपना भारत विरोधी रुख त्यागकर मित्रता पूर्ण संबंध रखना पसंद करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बधाई संदेश के जवाब में उन्होंने संबंध सुधारने की बात कही है। दिसानायके इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि कोरोना काल और पिछले साल हुए जन विद्रोह के दौरान भारत ने एक अच्छे पड़ोसी का फर्ज निभाते हुए श्रीलंका अरबों रुपये का अन्न, दवाएं, डीजल, पेट्रोल और मिट्टी का तेल भिजवाया था। भारत ने श्रीलंका को उस संकट काल में आर्थिक मदद भी दी थी। भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी देशों का संकट के समय साथ दिया है। कोरोना काल और विद्रोह के समय चीन ने श्रीलंका की मदद करने से साफ इनकार कर दिया था। ऐसी स्थिति में भारत से संबंध सुधारने या बिगाड़ने का फैसला श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को करना है। भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी देशों के सामने मित्रता का हाथ बढ़ाया है। जिसका जैसा रवैया रहा है, वैसा जवाब भी भारत ने हमेशा दिया है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Pm Charan Singh:प्रधानमंत्री मोदी ने चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री (Pm Charan Singh:)नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने...

Haryana News:राजनाथ सिंह आज ओम प्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने जाएंगे सिरसा

रक्षा मंत्री (Haryana News:)राजनाथ सिंह आज हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना...

Recent Comments