Friday, January 10, 2025
12.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiहरियाणा में फिर से लड़कियों का कम पैदा होना चिंताजनक

हरियाणा में फिर से लड़कियों का कम पैदा होना चिंताजनक

Google News
Google News

- Advertisement -

संजय मग्गू
इसमें कोई दो राय नहीं है कि हरियाणा में कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगी है। इसका कारण सरकार का कन्याभ्रूण हत्या के प्रति अपनाया गया सख्त रवैया है। सन 2014 से अब तक राज्य में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत 1217 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। वर्ष 2024 में 47 मामले दर्ज किए गए थे। इसमें अंतर्राज्यीय मामले 397 थे। कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में पूरे प्रदेश में चार हजार अधिक डॉक्टर, नर्स और दलालों की गिरफ्तारियां हुई थीं। प्रदेश में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टरों, निजी अस्पतालों में कार्यरत और अपना क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों पर सरकारी तंत्र ने कड़ी निगाह रखी है। प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या में अहम भूमिका निभाने वाले दलालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है। अभी इस मामले बहुत कुछ किया जाना है। कन्या भ्रूण हत्या को पूरी तरह अभी तक नहीं रोका जा सका है। यही वजह है कि प्रदेश में लिंगानुपात अभी तक संतोषजनक स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) से मिले आंकड़ों के  मुताबित पिछले साल यानी 2024 में प्रदेश में एक हजार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 910 लड़कियों का जन्म हुआ है। यह सन 2016 के बाद सबसे कम दर है। 2016 में 916 लड़कियों का जन्म हुआ था। इस मामले में साल 2019 सबसे बेहतर रहा। इस साल 923 लड़कियों का जन्म हुआ था। वर्तमान आंकड़ों को लेकर प्रदेश सरकार का दावा है कि प्रदेश ने जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार के प्रति वर्ष दो अंकों की वृद्धि के लक्ष्य का आंकड़ा पार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 2015 में हरियाणा से ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ मुहिम की शुरुआत की थी, तो इसके परिणाम पूरे देश में सकारात्मक आए थे। हरियाणा में भी लोगों ने इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई और नतीजा यह हुआ कि 2015 में 876 रहने वाली लड़कियों की संख्या अगले साल नौ सौ तक पहुंच गई थी। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ मुहिम  को लेकर लोगों में जोश था, तो नतीजे सकारात्मक आए, लेकिन जैसे-जैसे साल बीतते गए, लोगों और प्रशासनिक मशीनरी का जोशो-खरोश ठंडा पड़ता गया। अभियान के शुरुआत में इस मिशन की कमान एक अधिकारी को सौंपी गई थी। वह हर महीने सभी जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन और कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बात करता था, रिपोर्ट लेता और उन्हें आवश्यक निर्देश भी दिया करता था। लेकिन वर्ष 2021 के बाद यह प्रक्रिया रुक गई। हां, सीएम नायब सिंह सैनी के दूसरे कार्यकाल में सख्ती बरती गई तो नवंबर और दिसंबर में लिंगानुपात में बढ़ोतरी पाई गई है। यदि सैनी सरकार इसी तरह सख्त रही, तो वर्तमान वर्ष में सकारात्मक परिणाम मिलने के आसार हैं।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Apple iPhone SE 4: नए डिजाइन और फीचर्स के साथ 2025 में लॉन्च होगा सबसे सस्ता फोन

Apple अपने iPhone SE के नए जेनरेशन, Apple iPhone SE 4, पर काम कर रहा है, जिसे 2025 में लॉन्च किया जा सकता है।...

जैसा जिसका मन, वैसा उसका आचरण

बोधिवृक्षअशोक मिश्रयदि कोई व्यक्ति सरल हृदय, उदार और लोगों के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना वाला है, तो उसे सारे लोग अपने जैसे ही प्रतीत...

Pravasi Bharatiya Divas: ‘भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में’, 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में PM मोदी ने दुनिया को शांति का दिया मंत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके...

Recent Comments