संजय मग्गू
पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की बात उठने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़े आत्म विश्वास के साथ कहा था कि किसी किसान पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। हमारे प्रदेश के किसान बड़े समझदार हैं। वे पराली कतई नहीं जलाएंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि किसान अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री के विश्वास पर खरे नहीं उतर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले ही पराली जलाने वाले किसान के खेतों की रेड इंट्री करने, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज और दो सीजन तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के माध्यम से मंडियों में फसल बेचने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। इसी मामले में जब मुख्यमंत्री सैनी से सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने किसानों की समझदारी पर विश्वास जताया था। अपने सीएम का यह विश्वास किसानों ने तोड़ दिया और पिछले चौबीस घंटे के भीतर ही पराली जलाने पर 12 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ 42 किसानों का चालान करना पड़ा। अब प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे वायु प्रदूषण के कारण प्रशासन को सख्त कदम उठाना पड़ रहा है। असल में पंजाब और हरियाणा सरकार अपने किसानों के साथ कोई सख्ती नहीं बरतना चाहती है। यही वजह है कि सरकार अब तक किसानों में जागरूकता अभियान चलाकर उन्हें पराली जलाने से रोकने का प्रयास करती आ रही थी। दिल्ली और एनसीआर इलाके में बढ़ते प्रदूषण के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीमकोर्ट से भी सरकार को फटकार सुननी पड़ी। सुप्रीमकोर्ट ने भी कहा था कि जब तक किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक पराली जलाना बंद नहीं होगा। सुप्रीमकोर्ट ने तो यह तक प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि पराली जलाने से रोकने के मामले में जिस अधिकारी की लापरवाही पाई जाए, उस अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यही वजह है कि पिछले चौबीस घंटे में गांव स्तर पर जागरूकता फैलाने में लापरवाही के आरोप में आठ कर्मचारियों को सरकार को नोटिस देना पड़ा है। पिछले सवा महीने में प्रदेश में 24 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, 336 किसानों की रेड इंट्री हुई है जो अगले दो सीजन तक मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे। इन मामले में सात लाख सत्तर हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। इसके बावजूद यह सच है कि किसानों ने पराली को जलाना बंद नहीं किया है। चोरी छिपे आज भी बड़े पैमाने पर पराली जलाई जा रही है और प्रदेश की हवा को खराब किया जा रहा है। प्रदेश की खराब होती हवा बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं के लिए बीमारियों का सबब बनती जा रही है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में हालात और खराब होंगे। किसानों को हालात की गंभीरता को समझना होगा।
संजय मग्गू