जब से इंटरनेट का चलन बढ़ा है, तब से देश में साइबर क्राइम भी बढ़ने लगे हैं। देश भर में कई गिरोह सक्रिय हैं, जो लोगों को फोन करके, ह्वाट्सएप करके लोगों को ब्लैकमेल करते हैं। बातों में फुसलाकर ओटीपी हासिल कर लेते हैं। हनीट्रैप में फंसाकर पैसा वसूलते हैं। हरियाणा में भी ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं, जो साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं। छह सात महीने पहले नूंह पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ महाअभियान चलाया था। नूंह पुलिस ने एक साइबर ठग को गिरफ्तार करके उसे रिमांड पर लिया, तो उसने साइबर अपराधियों का सारा काला चिट्ठा खोल दिया। उसने जो जानकारी दी, उससे नूंह पुलिस के होश उड़ गए।
पुलिस को जो जानकारी मिली, उसके मुताबिक प्रदेश के कई जिलों में साइबर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं जो यहीं बैठे, देश के किसी भी हिस्से में अपने शिकार से वसूली करते हैं। कुछ मामले तो ऐेसे भी प्रकाश में आए हैं जिसमें प्रदेश के साइबर ठगों ने अमेरिका और यूरोप के देशों के नागरिकों को भी नहीं बख्शा है। फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर बैंक एकाउंट डिटेल ली और फिर खाते से पैसे उड़ा दिए।
पिछले दिनों चलाए गए महाअभियान के दौरान नूंह पुलिस को 47 साइबर ठगों को पकड़ने में सफलता हासिल हुई थी। इनमें से चार ठगों को जमानत मिल गई है। बाकी अभी जेल में हैं। इन साइबर ठगों ने जो कुछ पुलिस को बताया, वह आश्चर्यचकित करने वाला था। पता चला कि साइबर ठगी करने के लिए कई तरह के तरीके आजमाए जाते हैं।
कुछ गिरोह तो किसी बड़ी कंपनी के प्रोडक्ट बेचने के नाम पर संपर्क करते हैं। फिर मीठी मीठी बातें करके उनका विश्वास जीतते हैं। जब इनके शिकार को विश्वास हो जाता है, तब ये किसी न किसी बहाने उसका एकाउंट नंबर, एटीएम कार्ड नंबर या पूरी बैंक डिटेल हासिल कर लेते हैं। इसके बाद ये उस खाते से पैसे उड़ा देते हैं। कुछ गिरोह तो अपने शिकार के बैंक खाते में ज्यादा पैसे डाल देने की फर्जी डिटेल भेजकर पैसे मांगते हैं। शिकार यदि आनाकानी करता है, तो उसे डराया धमकाया जाता है। कुछ गिरोह तो ऐसे भी पकड़े गए हैं जो अपने मोबाइल नंबर पर महिला की फोटो लगाकर वीडियो काल करते हैं और फिर सामने वाले की टेक्नोलाजी का उपयोग करके अश्लील वीडिया या तस्वीर बना लेते हैं।
फिर शुरू होता है अवैध वसूली का खेल। पहले तो गिरोह के सदस्य ब्लैकमेल करते हैं, जब शिकार पैसे देने से मना करता है, तो गिरोह का ही दूसरा आदमी पुलिस कर्मचारी बनकर फोन करता है। जेल भेजने से लेकर इंकाउंटर करने तक धमकी दी जाती है। पुलिस का नाम आते ही ज्यादातर लोग तो वैसे ही दहशत में आ जाते हैं। पुलिस के नाम पर ब्लैकमेलर तब तक अपने शिकार का पीछा नहीं छोड़ते हैं, जब तक वह कुछ न कुछ देने लायक होता है। प्रदेश सरकार ने साइबर अपराधियों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। इनके खिलाफ महाअभियान चलाने की तैयारी हो रही है।
संजय मग्गू